अखिलेश अखिल
हालांकि जिस देश की संसद में तीन सौ से ज्यादा लोग आपराधिक प्रवृति के या आरोपी के रूप में बैठे हैं उस देश ने नेता संस्कारयुक्त और जनता के हितैषी होंगे इसकी कल्पना केवल भारत देश में ही की जा सकती है। इस देश में यह भी कल्पना की जा सकती है कि संसद में बेतरहने वाले अधिकतर नेता करोड़पति होकर भी गरीबी पर भाषण दे सकते हैं और हमारे लिए नियम कानून भी बना सकते हैं।
इस संसद से यह भी अपेक्षा की जा सकती है कि देश की कमाई को लूटने वाले नेता इसी देश की जनता को पांच किलो अनाज देकर यह कह रहे हों को शांत बने रहो हम दुनिया में सबसे आगे बढ़ते जा रहे हैं। हमसे से बड़ा कोई नहीं। अभी पच किलो मिल रहा है कुछ और भी बढ़ा दिया जा सकता है। देश की जनता नेता जी के इस बयां से दोगुने जोश के साथ नर्तन करते हैं और जयकारे भी लगाते हैं। इस देश में सब कुछ संभव है। और संभव है तभी तो लोकतंत्र के नाम पर भक्ति ,अंधभक्ति और न जाने क्या -क्या होता दिख रहा है। याद रखिये जिस देश की मीडिया गुलाम हो जाए और जिस देश पत्रकार जनता से अपना मुहय मोड़ ले उस देश की बर्बादी को भला कौन रोक सकता है ? यही वजह है कि संसद के भीतर एक बीजेपी सांसद एक बसपा संसद को क्या -क्या कुछ नहीं कहता लेकिन इस देश का मुखिया मौन है और इस देश की मीडिया मुस्कुरा रही है। लोकतंत्र का ऐसा बौनापन आज से पहले कभी नहीं देखा गया था।
संसद मछली बाजार से कम तो है नहीं। यहाँ कोई किसी का नहीं सुनता। सब बोलते हैं। जो मन में आता है सब बोल जाते हैं। यहाँ कोई किसी की इज्जत नहीं करता। कोई किसी का मान नहीं रखता। यहाँ जनता के नेता सब कहे जाते हैं लेकिन जनता किसी के पास है नहीं। सारे सांसद नेता तो तो नहीं सकते। सभी विधायक नेता तो होंगे नहीं। हवा चलती है तो कुछ जाति और कुछ पार्टी और उसके नेता के नाम पर कोई जीत जाता है और सांसद -विधायक बन जाता है। सच तो यही है कि सदन में बैठने वाले अधिकतर लोह हुल्लड़बाज हैं। और अनपढ़ भी। इनकी शैक्षिणिक योग्यता की जांच कर दी जाए तो न जाने कितने फर्जी डिग्री वाले निकल जाएंगे ,आप सोंच भी नहीं सकते। खैर ,आगे बढ़ने की जरूरत है।
संसद के विशेष सत्र में लोकसभा की कार्रवाई के दौरान रमेश बिधूड़ी के भाषण पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, बिधूड़ी भाषण के दौरान बीएसपी सांसद के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए दिखे। उनके इस व्यवहार पर राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने भाजपा सांसद बिधूरी को अपराधी बताया है।
सुप्रिया सुले ने कहा, ‘वह (रमेश बिधूड़ी) एक अपराधी है। मैंने टीएमसी नेता के साथ मिलकर स्पीकर को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें हम बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला रहे हैं। यह व्यवहार करने का कोई तरीका नहीं है। ठीक दो दिन पहले भी उसने संसद के वरिष्ठ सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की थी। क्या ये लोकतंत्र है? मैं ऐसे व्यवहार की निंदा करती हूं। इसके लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए, जो मैंने किया।’
संसद में बसपा सांसद दानिश अली पर रमेश बिधूड़ी के अभद्र टिप्पणी का विरोध करते हुए जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, ‘यह भाजपा सांसद का एक बहुत ही शर्मनाक और अनुचित व्यवहार था। जब सबकुछ कैमरे के सामने हुआ तो भाजपा को इस आधार पर उन्हें निकालने का फैसला लेना चाहिए। तत्काल प्रभाव से उन्हें पार्टी की सदस्यता से भी हटा देना चाहिए।’
कांग्रेस ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक दल के सदस्य के खिलाफ खुलेआम अपमानजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया।
लेकिन कुछ होने वाला नहीं। यह देश ऐसे ही चलता है। चलता रहेगा भी। जिस संसद में जिस सांसद ने सबके सामने सामने वाले को गरियाया आज उसके समर्थक भी नारेबाजी कर रहे हैं। जयकारे लग रहे हैं। ऐसे में कौन सही है और हकों गलत इसका निर्णय कौन करेगा ?