न्यूज़ डेस्क
बिहार में चुनावी बयान पूरे शबाव् पर पर है। एक तरफ राजद पूरी ताकत के साथ एनडीए गठबंधन पर हमला करते दिख रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी और जदयू भी राजद पर कई हमले करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दोनों तरफ से जुबानी जानत तेज है और इस जंग में राजनितिक तापमान बढ़ा हुआ है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र और बिहार की नीतीश सरकार पर बिहार के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी भाजपा और जनता दल ने भी राजद सरकार में 118 नरसंहार के हिसाब मांगा है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्र सरकार की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, बिहार ने मोदी जी को 40 में से 39 सांसद दिए। केंद्र में 10 साल से भाजपा सरकार, 17 साल से बिहार में सरकार, केंद्र में मंत्री। दिल्ली में इनका शासन, पटना में इनका शासन प्रशासन। सीबीआई, ईडी, आईटी और मीडिया का एक वर्ग इनके साथ। फिर बिहार के युवाओं को नौकरी देने, विशेष राज्य का दर्जा देने, विशेष पैकेज देने, बिहार में इंडस्ट्री लगाने के लिए और क्या चाहिए?
पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि इतने सांसद और डबल इंजन सरकार के बावजूद भी आप बिहार को कुछ ना देकर उलटा बिहारियों को ही भला-बुरा कहने बिहार आते है तो अबकी बार बिहारी आपको कड़ा सबक सिखायेंगे।
तेजस्वी के इस बयान को लेकर भाजपा और जदयू ने पलटवार करने में देरी नहीं की। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा, बिहार में हुए 118 नरसंहार का दो जवाब, मां-बाप के राज का दो हिसाब। जवाब और हिसाब के बीच राजनीति की जो दूसरी पीढ़ी आई है, तो कौन है गुनाहगार। इसमें दलित, शोषित, सामान्य समुदाय के लोगों का कत्लेआम मच गया था। कौन है इसके लिए जिम्मेदार।
भाजपा के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने भी तेजस्वी और रोहिणी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें बिहार की अगली पीढ़ी को यह भी बताना चाहिए कि उनके माता-पिता के 15 वर्ष के राजकाज में 118 नरसंहार हुए थे बिहार में। जिसका नाम लालू राज-राबड़ी राज था। वही राज था माफिया राज, गुंडाराज, नरसंहारों का राज और उसी राज के राजकुमार और राजकुमारी हैं ये दोनों।