बीरेंद्र कुमार झा
भाकपा माओवादियों ने लातेहार और चतरा में एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की है।इसने लातेहार जिला में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी जबकि चतरा जिला में सड़क निर्माण में लगे जेसीबी को फूंक दिया है। दोनों घटना बुधवार देर रात की है लातेहार के मृतक की पहचान देव कुमार प्रजापति के रूप में हुई है लातेहार में हुई घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची थी।
पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाकर मार डाला एक युवक को
लातेहार जिला के महुआडांड़ प्रखंड स्थित नेतरहाट थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादियों ने एक घटना को अंजाम दिया। बताया जाता है कि दुरु पंचायत के ग्राम दौना में रात को भाकपा माओवादी के नक्सली पहुंचे। इन्होंने कई ग्रामीणों पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उन्हें घर से बाहर निकाला। फिर इनलोगों की जमकर पिटाई की। इसमें एक व्यक्ति की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या ही कर दी । मृतक का नाम देव कुमार प्रजापति है।
चतरा के लावालौंग में नक्सलियों का तांडव
चतरा जिला में एक बार फिर माओवादियों ने तांडव मचा कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की है। इसने लावालोंग थाना क्षेत्र के टूनगुण गांव में एक जेसीबी को आग के हवाले कर दिया। जेसीबी गांव के ही संवेदक शंकर साह की है। उन्होंने बताया कि रात में हथियारबंद कुछ लोग पहुंचे और खुद को भाकपा माओवादी का सदस्य बताते हुए जेसीबी को आग के हवाले कर दिया।
टुनगुन- बधार पथ निर्माण में लगे जेसीबी को जलाया
भाकपा माओवादियों ने जेसीबी गुनगुन बधार पथ निर्माण कार्य में लगे जिस जेसीबी को जलाया वह पीएमजीएसवाई के तहत कार्य में लगा हुआ था। सूचना पाकर थाना प्रभारी बमबम कुमार दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।थाना प्रभारी ने कहा कि हो सकता है कि शरारती तत्वों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया हो, हालांकि नक्सलियों के हमले से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।थाना प्रभारी ने कहा कि इस मामले की हर एंगल से जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिस किसी ने भी जेसीबी में में आग लगाई है, उसे शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उधर इस घटना के बाद से क्षेत्र के संवेदकों में दहशत का माहौल है।
झारखंड के 16 जिलों में सक्रिय है नक्सली
गौरतलब है कि झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है झारखंड सरकार और पुलिस का दावा है कि प्रदेश में अब कुछ ही जगह पर नक्सली बच्चे हैं जिन्हें जल्दी ही खदेड़ दिया जाएगा लेकिन केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड के 16 जिले ऐसे हैं जहां नक्सली अभी सक्रिय हैं यानि अभी भी यहां के 24 में से 16 जिलों में नक्सली मौजूद है।
विकास कार्य बाधित कर लेवी वसूलता है भाकपा माओवादी
पहले नक्सली पुलिस को निशाना बनाते थे।बाद में जब उन पर भी पुलिस के हमले शुरू हुए तो उन्होंने ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर पता कर उसकी हत्या करनी शुरू कर दी है। नक्सली विकास कार्यों को बाधित करने की हर संभव कोशिश करते हैं। इसके लिए वह सड़क निर्माणऔर पुलिया के निर्माण जैसे विकास के कार्य को बाधित करते हैं। इसके बाद वे इन कार्यों में लगे ठेकेदारों से लेवी वसूलते हैं। लेवी नहीं देने पर उनके जेसीबी हाईवा आदि मशीनों को जलाने लगते हैं ताकि संवेदक दहशत में आकर इन्हें एक तयशुदा रकम लेवी के रूप में देने के लिए बाध्य हो जाए।
पुलिस कर रही नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील
झारखंड पुलिस ने पिछले दिनों दावा किया था कि यहां नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। उनके अधिकतर सदस्यों ने या तो सरेंडर कर दिया है या सरेंडर करने वाले हैं। जिन लोगों ने पुलिस की चेतावनी मानकर सरेंडर नहीं किया है,पुलिस जल्दी ही उन्हें मुठभेड़ में मार गिराएगी।पुलिस लगातार अपील कर रही है कि नक्सली मुख्यधारा में लौट आएं और सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ उठाकर और सभ्य नागरिक की जिंदगी जीना शुरू करें।पुलिस और सरकार इसमें उनकी मदद करेगी।