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कांग्रेस को आज उस समय बड़ा झटका लगा है जब पार्टी के वरिष्ठ नेता कर प्रवक्ता गौरव बल्लभ पंत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्य्ता से सिटीफा देते हुए पार्टी के ऊपर कई सवाल खड़े किये। हालांकि पंत अभी क्या करेंगे और किस पार्टी से जुड़ेंगे यह अभी तक पता नहीं है लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस के स्टैंड से वे काफी खफा हैं।
इस्तीफे की जानकारी शेयर करते हुए प्रो. गौरव वल्लभ ने अपनी ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’
प्रो. गौरव वल्लभ ने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘भावुक हूं और मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं और बताना चाहता हूं। लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है। ऐसे में मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी, तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। यहां पर युवा और बौद्धिक लोगों के आइडिया की क़द्र होती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती।’
गौरव वल्लभ ने कहा, ‘अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस के रुख से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं, पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं। इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं।’
वल्लभ ने अपने इस्तीफे के बारे में सार्वजनिक जानकारी आज सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र को साझा करते हुए इस्तीफे के कारणों का भी खुलासा किया।
गौरतलब है कि प्रो. गौरव वल्लभ अपने अब तक के राजनीतिक करियर के दौरान कांग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। लंबे समय तक उन्होंने बतौर राष्ट्रीय प्रवक्ता का ज़िम्मा संभालते हुए मीडिया के तमाम मंचों में कांग्रेस का पक्ष रखा और विरोधियों पर हमलावर रहे।
प्रो. गौरव वल्लभ राजस्थान की राजनीति में भी खासा चर्चा में रहे। दरअसल, कांग्रेस ने उन्हें वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान उदयपुर विधानसभा सीट पर टिकट थमाकर प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वे पार्टी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और चुनाव हारकर दूसरे नंबर पर रहे। वल्लभ को निकटतम प्रत्याशी भाजपा के ताराचंद जैन ने 32 हज़ार 771 वोटों से शिकस्त दी थी।