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संसद में सुरक्षा चूक क ममला अब और भी राजनीतिक मामला होता जा रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि जब तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान नहीं देते हैं तब तक संसद का चलना संभव नहीं है।
जयराम रमेश ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और गृह मंत्री को सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान देकर इस मुद्दे पर सांसदों के सवालों का जवाब देना है और उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री इस बारे में जो बयान बाहर दे रहे हैं उन्हें सदन में आकर जवाब देना चाहिए। जब तक गृहमंत्री दोनों सदनों में बयान नहीं देंगे तब तक दोनों सदनों में कामकाज होने की संभावना बहुत कम है।
रमेश ने कहा,“गृह मंत्री अहंकारी हैं। वह सदन की सुरक्षा के चूक के मामले में टीवी चैनल के शो में बात करते हैं लेकिन वही बात सदन के अंदर बोलने को तैयार नहीं हैं। इंडिया गठबंधन के सांसदों की मांग है कि गृहमंत्री सदन में बयान दें लेकिन सरकार ने इसे माना नहीं है। इस वजह से दो दिन से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है। देश के गृहमंत्री टीवी चैनल पर जाकर संसद में हुई घटना पर बात करते हैं लेकिन वे सदन में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।”
उन्होंने कहा,“ शाह इस घटना में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका से ध्यान भटकाना चाहते हैं। सरकार की तरफ से पहले इसे एक छोटी घटना बताया गया था लेकिन फिर संसद में घुसने वालों पर गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम यूपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे यह साफ है कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है।”
इस बीच पार्टी महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा सरकार दावा करती है कि उसका बनाया नया संसद भवन दुनिया में सबसे सुरक्षित इमारत है लेकिन इस घटना के बाद उसका यह दावा भी मजाक बन गया है। उनका कहना था कि कमाल यह है कि संसद पर दो बार हमला हुआ है और दोनों ही बार केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी।