न्यूज़ डेस्क
मध्यप्रदेश की मोहन यादव यादव मंत्रिमंडल का आज गठन हो गया। सरकार गठन के 12 दिनों बाद आज 28 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। इस नए मंत्रिमंडल में 18 कैबिनेट ,6 स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री और चार को राज्य मंत्री बनाया गया है। सीएम को लेकर 31 मंत्री अब राज्य को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इनमे से 30 मंत्री करोड़पति हैं। कह सकते हैं कि इस बार मध्यप्रदेश में करोड़पतियों की सरकार बनी है। मोहन यादव की नई कैबिनेट में केवल एक मंत्री ऐसे हैं, जो करोड़पति नहीं हैं। सारंगपुर सुरक्षित सीट से जीते गौतम टेटवाल ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 89.64 लाख रुपये बताई है। टेटवाल कैबिनेट में सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री हैं। उन्हें छोड़कर सभी मंत्री करोड़पति हैं।
रतलाम शहर से जीते चैतन्य कश्यप कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री हैं। कश्यप के पास 296.08 करोड़ रुपये की संपत्ति है। कश्यप मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक भी हैं।
कैबिनेट की औसत संपत्ति की बात करें तो हर मंत्री के पास औसतन 18.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 13 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है। इनमें धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, नारायण सिंह कुशवाह, राकेश शुक्ला, एदल सिंह कंसाना, निर्मला भूरिया, दिलीप अहिरवार, करण सिंह वर्मा, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश सिंह, लखन पटेल, नागर सिंह चौहान और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा शामिल हैं।
सात मंत्री ऐसे हैं जिनके पास पांच करोड़ से ज्यादा और दस करोड़ से कम की संपत्ति है। इनमें प्रतिमा बागरी, नरेंद्र शिवाजी पटेल, राधा सिंह, इंदर सिंह परमार, दिलीप जायसवाल, प्रहलाद सिंह पटेल और संपतिया उइके शामिल हैं। 10 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इनमें कृष्णा गौर, तुलसीराम सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राजपूत, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, उदय प्रताप सिंह, राजेंद्र शुक्ला, डॉ. मोहन यादव और चैतन्य कश्यप शामिल हैं।
सबसे अमीर तीन मंत्रियों में चैतन्य कश्यप, मुख्यमंत्री मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला शामिल हैं। कश्यप के पास कुल 296.08 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास 42.04 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के पास 30.88 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव कैबिनेट के सबसे पढ़े लिखे मंत्री हैं। यादव ने पीएचडी की हुई है।सबसे कम शिक्षा प्राप्त मंत्री एदल सिंह कंसाना हैं। कंसाना आठवीं पास हैं। वहीं, एक अन्य मंत्री दिलीप अहिरवार 10वीं पास हैं। छह मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। इनमें सबसे अमीर मंत्री चैतन्य कश्यप, नारायण सिंह कुशवाह, करण सिंह वर्मा, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर और दिलीप जायसवाल शामिल हैं।
10 मंत्रियों के पास स्नाकोत्तर की डिग्री है। इनमें धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, लखन पटेल, जगदीश देवड़ा, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, संपतिया उइके, कृष्णा गौर, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और कुंवर विजय शाह शामिल हैं। छह मंत्रियों के पास स्नातक की डिग्री है। इनमें गौतम टेटवाल, राकेश शुक्ला, निर्मला भूरिया, राकेश सिंह, नागर सिंह चौहान और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। छह मंत्रियों के पास पेशेवर स्नातक की डिग्री है। इनमें नरेंद्र शिवाजी पटेल, इंदर सिंह परमार, प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग और राजेंद्र शुक्ला शामिल हैं।
12 मंत्रियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें गौतम टेटवाल, दिलीप अहिरवार, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, लखन पटेल, नागर सिंह चौहान, इंदर सिंह परमार, दिलीप जायसवाल, तुलसीराम सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राजपूत और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। नई कैबिनेट में सबसे ज्यादा पांच मामले कैलाश विजयवर्गीय पर चल रहे हैं। वहीं, दिलीप अहिरवार पर तीन मामले चल रहे हैं। तीन मंत्रियों प्रद्युम्न सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार और गोविंद सिंह राजपूत पर दो-दो मामले दर्ज हैं। अन्य सात पर एक मामला चल रहा है, जबकि 19 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर कोई मामला दर्ज नहीं है।