बीरेंद्र कुमार झा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में नगाड़ा बजाकर वन अधिकार अधिनियम – 2005 के तहत वन क्षेत्र में रहने वाले को जमीन का पट्टा देने के लिए अबुआ वीर दिशोम अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में उपस्थित 24 जिलों के उपायुक्त और पदाधिकारी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा वन अधिकार अधिनियम 2005 वर्ष 2006 से लागू है, पर हमारे राज्य में अब तक इस अधिनियम को कूड़े में डालकर रखा गया था।
अधिकारियों के गलत रवैया के कारण लानी पड़ है योजना
इसी वजह से आज इसके लिए अभियान चलाने की जरूरत पड़ी है। झारखंड में 30% वन क्षेत्र है, वहीं अन्य राज्यों में कम वन क्षेत्र हैं, लेकिन वन अधिकार पट्टा देने में वह काफी आगे हैं। झारखंड की तरह वहां भी ब्यूरोक्रेट्स, आईएएस ,आईपीएस, आईएफएस हैं,तो योजनाओं की क्रियान्वयन में इतना अंतर क्योंê ? फिर हेमंत सोरेन ने अधिकारियों की हौसला अफजाई भी की और कहा कि आप जैसे अधिकारी ही अन्य कार्यों को बेहतर तरीके से कर रहे हैं। अबुआ वीर दिशोम अभियान पर सरकार का विशेष फोकस है। इसे मिशन मोड में पूरा करें। इसकी गहन समीक्षा की जाएगी।
सरकार के गठन की तारीख 29 नवंबर को बांटे जाएंगे वन पट्टा
उन्होंने कहा झारखंड में पहली बार भूमिहिनों को वन पट्टा देने के लिए व्यापक अभियान चलेगा। जंगल में निवास करने वाले, जंगलों जानवरों और वनस्पति की रक्षा करने वालों को मिलेगा अधिकार।कार्यक्रम के दौरान बताया गया 29 दिसंबर को सरकार की चौथी वर्षगांठ पर आदिवासी और वन पर आश्रित रहने वालों को वन अधिकार पट्टा मुहैया कराया जाएगा ।इस अवसर पर सीएम तथा अतिथियों ने अभियान की प्रचार सामग्री,एप, और वेबसाइट का भी लोकार्पण किया।
खनन कंपनियां राज्य की दुर्दशा कर छोड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज बहुल राज्य ह। यहां की खनिज कंपनियां राज्य की दुर्दशा कर छोड़ेंगे। सोचिए तब क्या होगा आज जहां खेती होती थी, वहां कोयला निकल रहा है। राज्य की 80% लोग खेती करते हैं,लेकिन उनके पास अपना खेत नहीं है ।30 वर्ष बाद जब कोयला समाप्त हो जाएगा, तब लोग कहां जाएंगे ?
पेड़ नहीं लगाएंगे तो बंगला क्यों
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीसी जिला के मुख्यमंत्री हैं। उनका दायित्व है की वे सरकार की योजनाओं को पूरा करें!उन्होंने पर्यावरण की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए का अधिकारी सरकारी बंगला में पेड़ लगाए।उन्हें बड़ा बंगला मिला हुआ है तो यह पेड़ क्यों नहीं लगाते।? यदि कोई अधिकारी पेड़ नहीं लगते हैं तो उन्हे बड़ा सरकारी बंगला क्यों मिलना चाहिए?क्यों नहीं उन्हें अपार्टमेंट में ही शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए? डीसी वीडियो सीओ जैसे अधिकारी हैं। आप अपनी जगह को हरा भरा रखें यह आने वाले मानव जीवन के लिए भी जरूरी है।
अतिक्रमणकारी नहीं है जंगलों में रहने वाले लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्र मे रहकर खेती करने वाले लोगों को अतिक्रमणकारी कहा जाता है, जबकि यह उनका अधिकार है। जिस दिन उन्हें वन पट्टा का अधिकार मिल जाएगा ,उसे दिन से ही जंगलों में अतिक्रमणकारी समाप्त हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम को लटकाने की हजार उपाय हैं,लेकिन रास्ता निकालें ।यह सोचना होगा और आप ही यह कर सकते हैं
दिशोम का अर्थ बताएं अधिकारी
कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों से पूछा कि दिशोम का क्या अर्थ है? इस पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि बीर दिशोम का मतलब जंगल और देश होता है ।
एक दो डिसमिल का पट्टा बटवा कर मुझे मूर्ख बनाया
मुख्यमंत्री ने कहा मेरे हाथों पहले ही कई लोगों को वन पट्टा दिलवाया गया। कुछ डीसी ने 1- 2 डिसमिल का पट्टा बंटवाकर मुझे ही मूर्ख बना दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे ऐसा नहीं होना चाहिए। वन अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पेड़ नहीं बचाते, जंगल की जमीन बचाने में इनका समय कट जाता है।वनों की अवैध कटाई पर कहा कि यहां लकड़ी चोर नहीं, लकड़ी डकैत है। शिकायत तो झोला भर भर कर आ रही है।