विकास कुमार
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के ओबीसी प्रतिनिधियों के मन में कई सवाल हैं। इन सवालों का ही जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी बैठक की है। शिंदे ने सहयाद्रि अतिथि गृह में ओबीसी और घुमंतू जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। बैठक के दौरान इन प्रतिनिधियों ने अपनी मांग सरकार के सामने रखी,वहीं बैठक के दौरान शिंदे ने कहा कि सरकार का रुख है कि किसी भी समुदाय के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मराठा समुदाय को आरक्षण देने के दौरान बाकी समुदायों के आरक्षण प्रभावित नहीं होंगे। सरकार घुमंतू जनजातियों के साथ मजबूती से खड़ी है। अधिकारियों को ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 72 छात्रावास खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं इस बैठक में फडणवीस ने कहा कि चार हजार करोड़ रुपए की योजना ओबीसी समाज के लिए लागू की जा रही है। वहीं अजित पवार ने कहा कि घुमंतू जनजातियों के समुदाय के लिए बजट में बड़ी राशि आवंटित की जाएगी। इस बीच, बैठक में शामिल राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजुरकर ने कहा कि फडणवीस चंद्रपुर जाएंगे और रवींद्र टोंगे का 19 दिन से जारी अनशन को खत्म कराएंगे।
रवींद्र टोंगे राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की छात्र इकाई के प्रमुख हैं और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। टोंगे ने ओबीसी आरक्षण में मराठा समुदाय को शामिल करने का भी विरोध किया है। इस बड़ी बैठक के बाद ओबीसी और घुमंतु जनजातियों का भरोसा जीतने में शिंदे सरकार ने सफलता हासिल की है।