विकास कुमार
चीन ने नए विवादित नक्शे को जारी किया है,इस विवादित नक्शा के जारी करने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन के नए नक्शे पर मोदी सरकार से सवाल पूछा है,उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, ये सरासर झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है,.मैप की बात बड़ी गंभीर है, लेकिन चीन ने जमीन तो ले ही ली हैं उस बारे में भी प्रधानमंत्री को कुछ कहना चाहिए।
वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने चीन की कारगुजारियों के हवाले से केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है,उन्होंने कहा कि सैटेलाइट से पता चलता है कि चीन की ओर से अक्साई चिन में अंडरग्राउंड सैन्य निर्माण बढ़ाया जा रहा है। इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया डरपोक और कमजोर नहीं हो सकती। हमें चीन के सामने खड़े होने की जरूरत है। हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो चीन का नाम तक नहीं लेते हैं,यह एक ऐसी सरकार है जो चीन मामले को लेकर संसद में बहस को रोक देती है।
चीन ने विवादित मैप में भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना क्षेत्र बताया है। इसके साथ ही ताइवान और दक्षिणी चीन सागर पर दावे भी चीन ने किए हैं। वहीं इस संवेदनशील मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत सरकार का पक्ष रखा है। जयशंकर ने कहा कि चीन को बेतुके दावे करने की आदत है,जो क्षेत्र उसके नहीं हैं, उसे भी अपना बताने की चीन की पुरानी आदत है। भारत के कुछ हिस्सों के साथ नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा। हमारी सरकार इस बारे में स्पष्ट है, बेतुके दावे करने से दूसरे का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।
चीन अपने पड़ोसी देशों की जमीन पर बेबुनियाद दावा करता रहा है,हालांकि मोदी सरकार को चीन के इस करतूत का खुलकर विरोध करना चाहिए और हो सके तो भारत सरकार को जवाबी मैप जारी करना चाहिए,ताकि चीन को मुंह तोड़ जवाब मिल सके।