न्यूज डेस्क
असम सरकार शनिवार से बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम शुरू कर रही है। इस दौरान दोषियों की गिरफ्तारी होगी और व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह जानकारी दी। पुलिस ने एक पखवाड़े से भी कम समय में बाह विवाह के 4000 से अधिक मामले दर्ज किये हैं।
14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ दर्ज होगा मामला
14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का सरंक्षण कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14 से 18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा, क्योंकि नाबालिगों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता।
सीएम विश्वा सरमा ने पुलिस को जीरो टॉलरेंस दिखाने को कहा
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि उन्होंने पुलिस से बाल विवाह के मामलों में जीरो टॉलरेंस दिखाने को कहा है। सरमा ने कहा कि मैंने पुलिस से महिलाओं पर होने वाले अक्षम्य और जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना के साथ काम करने को कहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के प्रति दृढ़ संकल्पित है।
अगले छह महीनों तक चलती रहेगी कार्रवाई
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अगले 5-6 महीनों में ऐसे हजारों लोगों (पतियों) को गिरफ्तार किया जाएगा। 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला की शादी की कानूनी उम्र 18 साल है और कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सर्वे में सामने आये थे चौंकोने वाले आंकड़े
असम सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के जरिए आधिकारिक सर्वेक्षण से हैरान करने वाले डेटा के बाद बाल विवाह पर रोक लगाने का फैसला लिया। जिसमें पता चला था कि असम में औसतन 31 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की कानूनी उम्र से पहले कर दी गई थी। सरमा ने कहा, इतनी बड़ी संख्या में कम उम्र की लड़कियों का बाल विवाह होना परेशान करने वाला है। राज्य सरकार ने पॉक्सो अधिनियम के तहत उन सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया है, जो कि 18 साल की उम्र से पहले लड़की को गर्भवती करने के लिए जिम्मेदार हैं।
महिलाओं ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
हालांकि इस अभियान का एक दूसरा पहलू भी सामने आ रहा है। कई जिलो में महिलाओं ने ही इस कदम का यह कहते हुए विरोध भी किया कि उनके सामने आजीविका की समस्या होगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी। असम सरकार ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं।