न्यूज़ डेस्क
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल फिर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर ट्रांसफर ,पोस्टिंग के अधिकार की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई में ट्रांसफर.पोस्टिंग के अधिकार के फैसले को केजरीवाल सरकार के हक में सुनाया था। पर मोदी सरकार इसे हजम नहीं कर सकी। और तुरंत एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। इस अध्यादेश के बाद ट्रांसफर.पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की आप सरकार से छीन लिया गया। तब से दिल्ली सीएम व आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। और विपक्ष की पार्टियों को एकत्र कर राज्यसभा में उन्हें मात देने की रणनीति बना रहे हैं।
केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा, केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। यह अध्यादेश असंवैधानिक है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर कई नेताओं का समर्थन मांगा है। केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, स्टालिन,उद्धव ठाकरे और शरद पवार समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी। पर अभी कांग्रेस से इस मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन नहीं मिला है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी।
आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
इस अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने रामलीला मैदान में हुई महारैली की थी। जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों के वोट का अपमान किया। 140 करोड़ लोग मिलकर संविधान बचाएंगे। अब देखना होगा कि आप पार्टी की इस याचिका पर शीर्ष अदालत क्या कुछ करती है। उधर केंद्र सरकार ने जो कुछ भी किया है ,कहा जा रहा है कि वह सरासर शीर्ष अदालत के आदेश का उलंघन ही है