न्यूज़ डेस्क
देश और दुनिया भर में चर्चित छठ महाव्रत की शुरुआत आज से हो गई। यह महापर्व 20 तारीख की सुबह में समाप्त होगा बिहार ,झारखण्ड ,यूपी ,ओडिशा के साथ ही देश के हर कोने में छठ महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसकी गूंज अब विदेशों में भी सुनाई पड़ती है।
बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…इस गीत के बोल बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में लगभग हर घर में सुनाई पड़ रहे हैं। क्योकि छठ महापर्व आज यानी 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है। ये चार दिवसीय पर्व चौथे दिन उदयमान सूर्य को अर्ध्य देने के बाद समाप्त होगा। छठ एक ऐसा पर्व है, जिसमें देश विदेश में रह रहे लोग अपने घर आते हैं और बड़े धूम-धाम से छठी मईया की पूजा करते हैं।
छठ पूजा के पहले दिन श्रद्धालु अरवा चावल, कद्दू और चना की सब्जी खाते हैं। इस सब्जी में लगसुन-प्याज की मनाही होती है यानी सात्विक भोजन किया जाता है। शुक्रवार को यानी नहाय खाय के दिन सूर्य 06.45 उदय हुआ, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा।
शनिवार को व्रत का दूसरा दिन यानी खरना है। इस दिन सूर्योदय सुबह 06.46 बजे और सूर्यास्त शाम 05.26 बजे होगा। उपवास रखने वाली महिलाएं गुड़ से बनी खीर, केला और मूली की पूजा करती हैं फिर इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं।
महापर्व के तीसरे दिन यानी 19 नवंबर को श्रद्धालु अस्त होते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं, जिसे संध्या अर्ध्य के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्य 06.46 बजे निकलेगा और सूर्यास्त 05.26 बजे होगा। संध्या अर्ध्य के दिन महिलाएं बिना कुछ खाए – पिए उपवास रखती हैं।
इसके बाद 20 नवंबर को इस महापर्व का आखिरी दिन है। इस दिन उदयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया जाता है। उसके बाद ही व्रत को खंडित किया जाता है। सोमवार को सूर्योदय सुबह 06.47 बजे होगा।