अखिलेश अखिल
जनता के पैसों की लूट नेता लोग कैसे करते हैं इसकी बानगी केजरीवाल के घर की मरम्मत से दिखती है। इस बानगी की कितनी सच्चाई है यह कौन जाने ! लेकिन एक बात तो साफ़ है कि इस देश में लोकतंत्र के नाम पर जो लूट चल रही है वह भयावह है। जनता अगर इसी तरह से मौन रही और नेताओं के जयकारे लगाती रही तो यह देश नेताओं की बलि चढ़ जाएगा। जनता को सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि इस देश का कोई भी नेता ईमानदार नहीं है और कोई भी राजनीति पाक साफ़ नहीं। सत्ता पाने की होड़ लगी है और इस होड़ में जनता को कुचला जा रहा है। इस खेल में सभी शामिल हैं। फिर कैसे कोई बायां हाथ दाए हाथ को अपराधी कर सकता है ? जरा इस खेल को समझिये —
कहा जा रहा है कि केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। और यह खर्च उस वक्त किये गए जब देश कोरोना से कराह रहा था। हालांकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि केजरीवाल के बेडरूम समेत कई जगहों पर बरसात में पानी टपकता था। कई बार ऊपर से सीलिंग टूट कर नीचे गिरी, जिसके वजह से उसे री-बिल्ड करना यानी पुनर्निर्माण करना जरूरी हो गया था। बहरहाल सच्चाई जो भी हो, मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी घर के रिनोवेशन और सजावट पर हुए खर्च का जो ब्योरा सामने आ रहा है, वो चौंकाने वाला है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री केजरीवाल के ऑफिशियल रेजिडेंस के इंटीरियर डेकोरेशन पर 11 करोड़ रुपये, स्टोन और मार्बल पर 6 करोड़ रुपये और मार्बल को चिपकाने वाले केमिकल पर 21 लाख रुपये खर्च किए जाने का आरोप है। इसके अलावा घर को फायर-प्रूफ बनाने के लिए 2.5 करोड़ रुपये की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम खरीदे जाने की बात भी कही जा रही है। इतना ही नहीं इंटीरियर कंसल्टेंसी के नाम पर 1 करोड़ रुपये और किचन एप्लायंस पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का आरोप भी लगा है। आरोप यह भी है कि सीएम आवास में 23 इम्पोर्टेड पर्दे लगाए गए, जिनमें से एक-एक पर्दे की कीमत 8 लाख रुपये हैं। यानी सिर्फ पर्दों पर ही सवा करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए है। इतना ही नहीं, अलमारी पर 40 लाख रुपये और प्री-फैब्रिकेटेड वुड पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का आरोप भी केजरीवाल सरकार पर लगा है। इसके अलावा, मीडिया में चल रही रिपोर्ट के मुताबिक घर को सुंदर और आर्टिस्टिक दिखाने के लिए कुछ ऐसी कलाकृतियां लगाई गई हैं, जिनकी कीमत 5 करोड़ रुपये से अधिक है।
बीजेपी ने इन आरोपों को लेकर केजरीवाल पर तीखा हमला किया है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, “मीडिया ने बताया है कि 45 करोड़ रुपये खर्च कर महाराज के महल का रेनोवेशन किया गया है। 8-8 लाख रुपये के पर्दे लगाए गए हैं और ये वो लोग हैं जो शपथ लेने के लिए आए थे तो ऑटो में लटक कर आए थे। कहते थे कि हम गाड़ी नहीं लेंगे। घर नहीं लेंगे। लेकिन 1 करोड़ 15 लाख रुपये से अधिक का तो इनके घर में मार्बल लगा है और यह मार्बल भी वियतनाम से मंगवाया गया है।” पात्रा ने आगे कहा, “यह केवल एक महाराज और उनके महल के रेनोवेशन की कहानी नहीं है बल्कि ये महाराज की मानसिकता के रेनोवेशन की कहानी है।
उधर आप नेता संजय सिंह ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा के ऊपर कई सवाल खड़ा किये हैं। संजय ने सिंह ने एक लिस्ट जारी करते हुए दावा किया है कि कोरोना काल के दौरान भाजपा ने बेहिसाब खर्च किया है। आप के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर जारी लिस्ट में लिखा है, “कोरोना महामारी में फर्जी फकीर की रईसी। ” आप ने लिस्ट में दावा किया है कि कोरोना काल के दौरान भाजपा ने सेंट्रल विस्टा पर 23,000 करोड़ रुपये, पीएम निवास पर 500 करोड़ रुपये, मौजूदा निवास की मरम्मत पर 90 करोड़ रुपये, जहाज पर 8400 करोड़ रुपये, कार पर 13 करोड़ रुपये, पेन पर 1.25 लाख रुपये, सूट पर 10 लाख रुपये और सनग्लास पर 1.6 लाख रुपये खर्च किये हैं।
भाजपा जहां अरविंद केजरीवाल की “कट्टर ईमानदार” छवि पर सवाल खड़े कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के मुख्यमंत्रियों पर हमले कर रही है। जनता टुकुर टुकुर टाक रही है। और सबसे बड़ी बात इन्ही नेताओं के जयकारे भी लगा रही है। लोकतंत्र का यह खेल लुभाता है और भरमाता भी है। ठगिनी राजनीति और ठग नेता से शर्मसार होते लोकतंत्र पर चिंतन करने की जरूरत है।