बीरेंद्र कुमार झा
नीतीश सरकार ने गुरुवार को बिहार विधानसभा आरक्षण संशोधन बिल 2023 को विधानसभा में पेश किया। नीतीश सरकार की ओर से बिहार विधानसभा में इस बिल को संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। जातीय सर्वे के रिपोर्ट के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया। इस बिल पर बीजेपी का भी समर्थन रहा। इसके पास होने के बाद शिक्षण संस्थानों में आरक्षण और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ जाएगी। इससे पहले नीतीश कुमार के बयान पर गुरुवार की सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था।विधानसभा स्पीकर ने सभी से शांत रहने की अपील भी की। लेकिन कोई शांत रहने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। इसके कारण सदन के पहले सत्र की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। विधानसभा से इस बिल के पास होने के बाद,इसे विधान परिषद में पेश किया जाएगा। इसके बाद इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
क्या होगा अब आरक्षण का नया प्रतिशत
जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने के बाद नीतीश सरकार बिहार में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को 16 से बढ़कर 20% कर देगी ,अनुसूचित जनजातियों को एक से बढ़कर 2% आरक्षण दिया जाएगा,पिछड़ा अति पिछड़ा 30 से बढ़कर 43% आरक्षण का हकदार होंगे।आर्थिक कमजोर वर्ग का आरक्षण 10 प्रतिसत का 10 % ही बना रहेगा।इस प्रकार बिहार में अब कुल 75% आरक्षण हो जाएगा।आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है। आरक्षण 50% से बढ़कर 65% करने का प्रस्ताव है ।आर्थिक कमजोर वर्ग का 10% जोड़ दें तो आरक्षण 75% हो जाएगा।