न्यूज़ डेस्क
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भले ही बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई है लेकिन हर कोई जानता है कि जब बीजेपी के पास जीत के लायक वोट ही नहीं थे तब जीत कैसे हो गई ? लेकिन ऐसा हुआ। अब विपक्षी गठबंधन के हारे हुए उम्मीदवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर न्याय की गुहार लगाईं है। याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार जो मेयर के उम्मीदवार भी थे की याचिका को शीर्ष अदालत ने स्वीकारते हुए कल सोमवार को सुनवाई करने की बात कही है। बता दें कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चंडीगढ़ नगर निगम (सीएमसी) के नतीजों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया है।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 5 फरवरी को मामले की सुनवाई करेगी। पिछले हफ्ते, कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत से निर्देश मांगे थे।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा मेयर पद के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव परिणामों पर रोक लगाने पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। आप और कांग्रेस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोई अंतरिम राहत नहीं दी, लेकिन एक नोटिस जारी कर मामले पर चंडीगढ़ प्रशासन और सीएमसी से तीन सप्ताह की अवधि के भीतर जवाब मांगा। कुमार ने पीठासीन अधिकारी पर मतगणना प्रक्रिया में धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेने का आरोप लगाया था।
उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार ने नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारी ने पार्टियों के उम्मीदवारों को वोटों की गिनती की निगरानी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।कुमार ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नये चुनाव की प्रार्थना की है।