ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुनकर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने अपनी सरकार बचाने में तो सफलता प्राप्त कर ली, लेकिन आज सदन में इसकी अग्नि परीक्षा होगी कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्रित्व वाली यह सरकार आगे चलेगी भी या नहीं।इसके लिए सोमवार को चंपई सोरेन सरकार झारखंड विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेंगे। झारखंड विधानसभा का यह सत्र दो दिनों का होगा। पहले दिन राज्यपाल का भाषण होगा।इसके बाद विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 139 के तहत मुख्यमंत्री मंत्रीपरिषद में विश्वास प्रस्ताव रखेंगे। इस प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष में बहस होगी। वाद विवाद के बाद मतदान किया जाएगा।
रांची के सर्किट हाउस में ठहरे हैं सत्ताधारी दल के विधायक
सत्ता पक्ष के 36 विधायक, हैदराबाद में तीन दिनों तक कैंप करने के बाद रविवार शाम विशेष विमान से रांची लौट आए हैं।रांची आकर ये सभी विधायक राजधानी में एक साथ सर्किट हाउस में ठहरे हुए हैं।सोमवार को सुबह ये सभी विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचेंगे।
सत्ता पक्ष ने जारी किया व्हिप
सोमवार को चंपई सोरेन द्वारा विश्वासमत पेश किए जाने को लेकर सत्ताधारी दल के विधायकों का मत विभाजन नहीं हो,इसे मद्दे नजर रखते हुए,सत्ताधारी पक्ष के गठबंधन के घटक दलों ने अपनी पार्टी के विधायकों के लिए अलग-अलग व्हिप जारी किया है।झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन और कांग्रेस ने भी अपनी पार्टी के विधायकों के लिए व्हिप जारी करते हुए उन्हें विधानसभा में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। विश्वास मत प्रस्ताव पर सारे विधायक चंपई सोरेन के पक्ष में मतदान करेंगे।
विश्वासमत पारित कराने के लिए के सत्ताधारी पक्ष को लाना होगा कम से कम 41 मत
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ईडी के द्वारा गिरफ्तारी के बाद जेएमएम कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना और राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के साथ ही सदन में 5 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने की बात कहीं।झारखंड विधानसभा में विधायकों की संख्या 81 है। ऐसे में चंपई सोरेन को विश्वास मत हासिल करने के लिए कम से कम 41 विधायकों की वोट की जरूरत पड़ेगी।
48 विधायक करेंगे चंपई सोरेन के विश्वास मत का समर्थन
झारखंड मुक्ति कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन के विधायक दल के नेता के रूप में चंपई सोरेन ने पूर्व में ही राज्यपाल को 47 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए उन्हें 43 विधायकों का हस्ताक्षर युक्त सहमति पत्र सौंपा है। वही झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद कुमार पांडे के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आरजेडी और माले के सभी 48 सदस्य मतदान में शामिल होकर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन द्वारा लाए जानेवाले विश्वासमत के पक्ष में मतदान करेंगे। पूर्व में लोबिन हेंब्रम और सीता सोरेन की नाराजगी सामने आ रही थी, लेकिन अब उनकी नाराजगी को भी खत्म कर लिए जाने की बात सामने आ रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक लोबिन हेंब्रम ने रांची में पत्रकार वार्ता के दौरान ऐलान किया कि वह चंपई सोरेन की सरकार के समर्थन में वोट करेंगे। हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रामदास सोरेन दिल्ली में गुर्दा प्रत्यर्पण कराने के कारण सदन में हाजिर नहीं हो सकेंगे।