ईडी द्वारा अवैध जमीन से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली।चंपई सोरेन ने 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया था।तब से ही उनके द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार करने की बात सामने आ रही थी।इस बीच झारखंड में राहुल गांधी के नेतृत्ववाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा प्रारंभ हो गया उसके बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा झारखंड में रहने तक इस यात्रा में सम्मिलित होने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार को रुकवा दिया।इसके बाद जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बीच में ही स्थगित हो गया तब जाकर आज 16 फरवरी को चंपई सोरेन मंत्रीमंडल का विस्तार संभव हुआ।
2 फरवरी को मुख्यमंत्री के साथ 2 मंत्रियों ने मंत्री पद की ली थी सपथ
2 फरवरी को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ दो मंत्रियों सत्यानंद भोक्ता और आलमगीर आलम ने शपथ लिया था। इसमें से सत्यानंद भोक्ता जेएमएम,कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन के आरजेडी घटक से मंत्री बने थे जबकि आलमगीर आलम ने गठबंधन के घटक दल कांग्रेस के कोटे से मंत्रीपद की सपथ ली थी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन समेत दोनो मंत्रियों को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दिलाई थी पद और गोपनीयता का शपथ।
सत्ता संभालने के 15 दिनों के अंदर बनाया फूल फ्लेज्ड मंत्रिमंडल
2014 ई में सत्ता संभालने के बाद भारतीय जनता पार्टी के रघुवर दास ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार के मुख्यमंत्री रहते हुए भी हमेशा अपने मंत्रिमंडल को झारखंड में मंत्रिमंडल की पूरी क्षमता से एक कम मंत्री वाला मंत्रिमंडल ही बनाया। इसके बाद 2019 ईस्वी में जब बीजेपी की जगह पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी की गठबंधन वाली हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री वाली पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो उन्होंने भी रघुवर दास के नक्शे कदम पर चलते हुए।अपने मंत्रिमंडल को पूर्ण क्षमता से एक मंत्री कम वाला मंत्रिमंडल ही रखा।लेकिन सत्ता संभालने के एक पखवाड़े के अंदर ही मंत्रिमंडल विस्तार करने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस बार 11 मंत्री बनाकर झारखंड की पूर्ण क्षमता वाली मंत्रिमंडल का गठन किया है।
9 विधायकों ने लिया मंत्रीपद का शपथ,कौन कौन नेता बने मंत्री
आज 16 फरवरी को नौ विधायकों ने मंत्रीपद का शपथ लिया है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।झारखंड में 16 फरवरी को जिन 9 नए मंत्रियों ने मंत्रीपद की गोपनीयता की शपथ ली है।इन मंत्रियों में रामेश्वर उरांव,बैद्यनाथ राम, दीपक बैरवा, बन्ना गुप्ता, मिथिलेश कुमार ठाकुर, बसंत सोरेन, हफिजुल हसन और बेबी देवी का नाम शामिल है। इन 9 मंत्रियों में से 6 विधायक पहले भी मंत्री रहे हैं। डॉ रामेश्वर उरांव कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और वह हेमंत सोरेन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। यह लोहरदगा सीट से विधायक हैं। बैद्यनाथ राम लातेहार से झामुमो के विधायक हैं।वे 2019 में बीजेपी को छोड़कर शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम में शामिल हुए थे।दीपक बरुआ भी जेएमएम के विधायक हैं। वे चाईबासा सीट का नेतृत्व करते हैं।
पुराने पर भी भरोसा नए को भी मिला मौका
बन्ना गुप्ता जमशेदपुर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और हेमंत सोरेन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। बादल पत्रलेख जरमुंडी सीट से कांग्रेस के विधायक हैं ये हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ये 2014 से जरमुंडी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मिथिलेश ठाकुर गढ़वा सीट से जेएमएम के विधायक हैं। मिथिलेश ठाकुर भी पूर्व के हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। बसंत सोरेन शिबू सोरेन के बेटे हैं और दुमका सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये झारखंड की युवा इकाई के अध्यक्ष हैं और पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं हफिजुल हसन पर एक बार फिर से सरकार ने भरोसा जताया है और उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी गई है। वह मधुपुर से जेएमएम के विधायक हैं।
पति के निधन के बाद मंत्री बनी थी बेबी देवी
बेबी देवी 2023 के उपचुनाव में डूंमरी सीट से निर्वाचित हुई है। वह हेमंत सोरेन सरकार में पूर्व मंत्री रहे जगन्नाथ महतो की पत्नी है। पति के निधन के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और डूंमरी से चुनाव लड़ा था।हेमंत सोरेन सरकार में विधायक बनने से पहले ही इन्हें मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी तब वह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग देख रही थी ।चंपई सोरेन की वर्तमान मंत्रिमंडल में भी उन्हें एक बार फिर से शामिल किया गया है ।
शिबू सोरेन परिवार में बसंत सोरेन मंत्री बनने में सफल, सीता सोरेन एक बार फिर हुई निराश
चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शिबू सोरेन के बेटे बसंत सोरेन को भी स्थान मिला है।बसंत सोरेन पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दुमका विधान सभा को खाली किए जाने और बरहेट से विधायक बने रहने के निर्णय के बाद 2020 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर विधायक बने थे।आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार जिसमे वे मंत्री बने हैं, इसके पूर्व 2 फरवरी को चंपई सोरेन और दो मंत्रियों के शपथ ग्रहण के वक्त सरकार द्वारा इन्हे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल के पास उनका नाम भेजा गया था ,लेकिन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा विलंब से नाम भेजे जाने की बात कहकर इनके उपमुख्यमंत्री बनने के इरादे पर पानी फेर दिया था।लेकिन इस बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान ये मंत्रीपद पाने में सफल रहे।
वहीं शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की विधवा सीता सोरेन हालांकि दुर्गा सोरेन की मृत्यु के बाद 2005 ई से उनके विधानसभा क्षेत्र जामा से लगातार विधायक चुनी जा रही है, लेकिन शिबू सोरेन से लेकर हेमंत सोरेन और अब चंपई सोरेन द्वारा बनी किसी भी जेएमएम के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार में इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।