बीरेंद्र कुमार झा
दिल्ली-मुंबई-सूरत जैसे शहरों में बिहार और यूपी जाने वालों का बैग पैक है।लेकिन नजरें मोबाइल के स्क्रीन पर लगातार जा रही हैं। टिकट का जुगाड़ मुश्किल है, ट्रेनें फुल हैं, वेटिंग के कन्फर्म होने का कोई चांस नहीं है।स्पेशल ट्रेनें हैं तो उनमें जगह मिल जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। स्टेशन पहुंच गए तो प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह नहीं है। ट्रेन आ गई तो टिकट जेब में रखकर भी अपनी बोगी में घुस पाएंगे- इसकी कोई गारंटी नहीं है।
हर स्टेशन का एक ही हाल
हर स्टेशन पर एक जैसा हाल है। हर ट्रेन में घुसने की एक जैसी जंग है और अगर घुस भी गए तो ट्रेन में रिजर्वेशन के बावजूद कोई रिजर्व सीट नहीं है।जितनी सीटें हैं उसके 10 गुना पैसेंजर अंदर हैं।एक सीट पर जितने सट-सटकर बैठ सकते हैं उतने तो घुसेंगे ही, नीचे चलने की जगह पर, बोगी के गेट पर, खिड़की पर और टॉयलेट में भी हाउसफुल है।
हर साल छठ के अवसर होती है मारामारी
छठ के त्योहार पर यह मारामारी हर साल दिखती है और तमाम नई ट्रेनों के ऐलान के बादजूद इस बार भी फिर यही जंग जारी है। चाहे शहर कोई भी हो,हाल सभी जगह एक जैसा है।आलम ये है कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के दरवाजे पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं।
पैर भी नही हिला सकते हैं पैसेंजर
ट्रेनों में भीड़ का आलम यह है कि जो लोग ट्रेन के अंदर किसी तरह बैठ गए हैं उनको पैर हिलाने तक की जगह नहीं मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ जो लोग प्लेटफार्म पर हैं और ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं वह ट्रेनों में चढ़ नहीं पा रहे हैं और अधिकांश लोगों की ट्रेन छूट जा रही हैं।
हर साल की अव्यवस्था के बावजूद सरकार नहीं कर पा रही व्यवस्था
हालांकि यात्रियों की सुविधा के नाम पर भारतीय रेलवे हर साल त्यौहारी सीजन में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करता है। इस साल भी दिवाली और डाला छठ के मौके पर भारतीय रेल ने सैकड़ो की तादाद में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है।लेकिन यात्रियों की भीड़ के सामने इन ट्रेनों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है और यात्री दरवाजे से लटकते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घरों को जाने को मजबूर हैं
प्लेटफॉर्म पर समय पूर्व नहीं मिलेगी
हालांकि, स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं।आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए इस बार प्रशासन ने मेन स्टेशन के गेट पर अनारक्षित टिकट के अस्थाई काउंटर बनाए हैं। पूछताछ काउंटर बनाए गए हैं, लोगों के लिए एक लंबा चौड़ा टेंट लगाया गया है ,ताकि जो लोग समय से काफी पहले रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं, वह अंदर ना जाकर बाहर ही इंतजार करें।