बीरेंद्र कुमार झा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन के बाप के पैसे वाले तंज का जवाब देते हुए, उन्हें अपने शब्दों का चयन करने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। गौरतलब है कि उदय निधि स्टालिन ने ने इस महीने की शुरुआत में केंद्र द्वारा तमिलनाडु को कथित तौर पर राशि प्रदान नहीं किए जाने के बारे में कहा था कि हम किसी के बाप का पैसा नहीं मांग रहे हैं। हम केवल तमिलनाडु के लोगों द्वारा भुगतान किए गए कर का हिस्सा मांग रहे हैं।
वित्त मंत्री का उदयनिधि को सलाह
उदयानिधि स्टालिन के इसी बयान का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब यह मंत्री हैं ,तो उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।वे पिता के पैसे के बारे में पूछ रहे हैं? क्या वे अपने पिता की संपत्ति का उपयोग करके सत्ता का आनंद ले रहे हैं? क्या मैं ऐसा पूछ सकती हूं? उन्हें लोगों ने चुना है, तो क्या हम इसके लिए उनका सम्मान नहीं कर रहे हैं? राजनीति में पिता और मां को घसीटना ठीक नहीं है।
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा की एक राजनीतिक नेता के रूप में उदय निधि यदि आगे बढ़ना चाहते हैं,तो इसके लिए उन्हें अपनी जुबान पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे शब्द बोलने चाहिए जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप हो। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र नेअभी हाल ही में बारिश के प्रकोप के दौरान तमिलनाडु राज्य को 900 करोड रुपए वितरित कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो यह नहीं कह रही हूं कि यह पैसा मेरे पिता का पैसा है या उनके पिता का पैसा है।
तमिलनाडु के वित्त मंत्री का आरोप
।इस बीच तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के अनुरोध के बावजूद निर्मला सीतारमण ने पैसा प्रदान करने से इनकार करके राज्य के लोगों का अपमान किया है, जो आपदा से जूझ रहे थे।उन्होंने आरोप लगाया कि निर्मला सीतारमन ने बाढ़ की स्थिति से न निपटने के लिए डीएमके सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दुश्मन पर युद्ध दुश्मन देश पर युद्ध छेड़ने जैसी क्रोधपूर्ण भाषा में जवाब दिया था।