बीरेंद्र कुमार झा
भारत के कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कनाडा बैक फुट पर आ गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा भारत के साथ स्थिति को सुधारना चाहता है, साथ ही वह भारत के साथ जिम्मेदारीपूर्वक और रचनात्मक रूप से जुड़ाव जारी रखेगा। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह भी कहा कि कनाडा भारत के संबंध इन दिनों बेहद चुनौती पूर्ण दौर से गुजर रहे हैं । गौरतलब है कि खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या के मामले को लेकर दोनों देशों में जारी राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो ने कहा कि ओटावा नई दिल्ली के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखेगा। टोरंटो सन अखबार की खबर के मुताबिक ट्रूडो ने इटावा में पत्रकारों से कहा कि
कनाडा के लिए भारत में जमीनी स्तर पर राजनीतिकों का होना महत्वपूर्ण है।
बैक फुट पर आया कनाडा
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का यह बयान लंदन के फाइनेंशियल टाइम की एक रिपोर्ट के बाद आया है,इसमें दावा किया गया है कि भारत शेष बचे 62 कनाडाई राजनीतिकों में से 41 को वापस भेजना चाहता है। इसी कड़ी में अखबार ने ट्रूडो के हवाले से कहा कि जाहिर है कि हम इस समय भारत के साथ बेहद चुनौती पूर्ण समय से गुजर रहे हैं।हालांकि उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की।वहीं यह पूछे जाने पर क्या उनकी सरकार जवाबी कार्रवाई में भारत से कनाडा में तैनात राजनयिकों को हटाने के लिए कहेगा।इसपर ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार नई दिल्ली के साथ काम करना जारी रखने की कोशिश करेगी।
कठिन दौर से गुजर रहा है भारत कनाडा संबंध
लूडो ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा है कि हम तनाव बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। हम वह काम करना चाहते हैं जो इस बेहद कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध बढ़ाने वाला हो।जून में खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रुडो के आरोप के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
भारत ने आरोपी को बताया था बेतुका
भारत ने कनाडा के आरोप को बेतुका और प्रेरित कर कर खारिज कर दिया और इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने18 जून को गोली मार कर निज्जर की हत्या कर दिया था। भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था।भारत ने 21 सितंबर को कनाडा से देश में अपनी राजनयिकों स्थिति को कम करने के लिए कहा क्योंकि नई दिल्ली के खिलाफ ओटावा के आरोप के बाद दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गए थे।