अखिलेश अखिल
राजनीतिक दाव के कितने रूप हैं यह कौन जानता है ? और फिर कौन सा दाव किस पर लागू हो जाता है यह भी कोई नहीं जानता। जब समय खराब समय चलता है तो कमजोर दाव भी सामने वाले को धराशायी कर देता है। बीजेपी को इसका खूब लाभ मिला है। यही लाभ पीएम मोदी को भी मिलते रहे हैं। मध्यप्रदेश में अभी जो होता दिख रहा है उससे तो यही पता चलता है कि बीजेपी अभी वहां कमजोर स्थिति में आ गई है। अब बीजेपी के पास न तो कुछ करने को है और न ही कुछ बोलने को। पिछले बीस साल से वह सत्ता में है। प्रधानमंत्री मोदी जब सोमवार को भोपाल में भाषण दे रहे थे तो लगा कि अब उनके पास कोई नयी बात एमपी को लेकर नहीं है। प्रधानमंत्री को पिछले बीस सालों के काम का रिकॉर्ड जनता के सामने रखने की जरूरत थी। लेकिन मोदी कांग्रेस पर हमलावर थे। कह रहे थे कि कांग्रेस आएगी तो प्रदेश बर्बाद हो जाएगा। विकास के सारे काम रुक जायेंगे। क्या प्रदेश की जनता मानती भी है कि सूबे में 20 साल के भीतर कोई बड़े काम हुए हैं जिससे प्रदेश की पहचान बनी हो।
खैर पक्ष और विपक्ष की राजनीति चलती रहेगी। कांग्रेस नेता कमलनाथ किसी भी सूरत में अपनी खोई हुई बाजी को फिर से पाने के फिराक में हैं। उनकी कोशिश है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करके सत्ता की कुर्सी पर कांग्रेस बैठे। लेकिन यह खेल मामूली भी नहीं है। इसी खेल में बीजेपी भी है। बीजेपी अगर चुनाव हारती है तो उसके सामने संकट पैदा होंगे। न जाने कितने लोग फसेंगे और जेल .इसलिए बीजेपी को हर हाल में सत्ता को बचाये रखना है।
बीजेपी ने कमलनाथ को ही घेरना का प्रबंध कर दिया है। बीजेपी की रणनीति यही है कि कमलनाथ के सामने ऐसे उम्मीदवार को खड़ा कर दिया जाए जो उसे पानी पीला दे और खुद का सीट बचाने में ही फंसा रहे। बीजेपी को ऐसा उम्मीदवार मिल भी गया है। छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा अंचल की गोंडवाना सीट है। यहाँ बीजेपी पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका बट्टी को मैदान में उतारना चाहती है। मोनिका बत्ती अभी दो दिन पहले ही बीजेपी से जुडी है और राजनीति के इस खेल से कांग्रेस में काफी हलचल है। कमलनाथ की परेशानी बढ़ेगी ,इसमें कोई शक भी नहीं है। बता दें कि गोंडवाना पार्टी की नेत्री और पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका शाह बट्टी को बीजेपी ने अपनी पार्टी की सदस्यता दे दी है। सीएम शिवराज ने अपने हाथों से सदस्यता दिलाई है। यह वहीं सीट है, जहां से कभी गोंडवाना नेता मनमोहन शाह बट्टी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन कर छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ को सीधी चुनौती दी थी।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अमरवाड़ा से इस बार भाजपा की प्रत्याशी मोनिका बट्टी हो सकती है। हालांकि इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन जो आसार नजर आ रहे हैं। उसे देखकर ऐसे ही समझा जा रहा है। बता दें कि नेता मोनिका बट्टी के पिता मनमोहन शाह बट्टी बालाघाट के बैहर में पंचायत इंस्पेक्टर थे। उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया। इसके बाद साल 2003 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक का चुनाव लड़कर कांग्रेस और भाजपा को हराकर चुनाव जीत गए। हालांकि साल 2008 में वह चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुए। लेकिन तब तक अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी थी, क्योंकि 2019 के चुनाव में विधानसभा लोकसभा में गोंडवाना को अच्छे खासे वोट मिले थे।
कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर देने वाले नेता की कोरोना संक्रमण के बाद भोपाल के चिरायु अस्पताल में 2 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया था। उनके निधन के बाद राजनीतिक विरासत उनकी बेटी मोनिका बट्टी ने संभाल ली। हालांकि छिंदवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी दो अलग-अलग दल बन गए हैं। लेकिन मोनिका शाह अभी अखिल भारतीय गोंडवाना का दायित्व संभाल रही है। ऐसे में यदि मोनिका बट्टी भाजपा से चुनाव कड़ती है तो भाजपा को गोंडवाना के बड़े वोट बैंक का फायदा मिल सकता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि कमलनाथ के इस इलाके में कांग्रेस को भारी चुनौती भी मिल सकती है। कमलनाथ खुद इसी इलाके से चुनाव लड़ते हैं। मोनिका बट्टी कामनाथ को कितना चुनौती दे पाती है इसे देखना होगा।
कमलनाथ बीजेपी को घेर रहे हैं और बीजेपी की मोनिका बट्टी छिंदवाड़ा में कमलनाथ को घेरेंगी !
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