न्यूज़ डेस्क
मध्यप्रदेश में जैसे ही बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत किया ,बिहार का सियासी पारा चढ़ गया। रजड के भीतर हलचल हुई। बैठके चली और फिर बीजेपी पर राजद के नेता हमलावर हो गए। हालांकि बीजेपी के इस खेल पर अभी तक लालू यादव का कोई बयान नहीं नहीं आया है लेकिन राजद के लोग बीजेपी के खेल पर बयान देने से नहीं थक रहे हैं।
राजद को लग रहा है कि बीजेपी ने यादव पर दाव लगाकर राजद को बिहार में घेरने की कोशिश की है और लालू यादव के समनान्तर मध्यप्रदेश में एक यादव नेता को सीएम के रूप में खड़ा किया है। की इसे लालू यादव के विकल्प में रूप में बीजेपी करती दिख रही है ? यह ऐसा सवाल है जिस पर अभी कुछ भी नहीं कह रहा है। जानकार भी मान रहे हैं कि लालू यादव का विकल्प अभी कोई दूसर यादव तो नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी इस कोशिश में जरूर है कि रजड की राजनीति को किसी यादव के जरिए खंडित किया जाए।
बीजेपी के भीतर और भी क्या कुछ चल रहा है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन बीजेपी को यह जरूर लग रहा है कि बिहार में लालू को कमजोर किये बिना लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बढ़त मुश्किल है। यही वजह है कि बीजेपी लगातार ऐसे यादव चेहरा की खोज में है जो बिहार में लालू यादव का विकल्प बन सके। उधर लालू यादव की परेशानी भी अब बढ़ती जा रही है। राजद को जितनी परेशानी एमपी में कांग्रेस की हार से नहीं हुई है उससे जयदा परेशानी मोहन यादव की ताजपोशी को लेकर है। राजद के भीतर इस बात को लेकर चर्चा भी चल रही है। राजद परेशान भी है लेकिन खुलकर कुछ बोल नहीं रही है।
पटना में राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जाति आधारित गणना और आरक्षण के दायरा बढ़ाने से भाजपा घबराहट में है। इसलिए मध्य प्रदेश में यादव समाज से मुख्यमंत्री बनाया है। लेकिन, इससे कोई फायदा नहीं है। जनता सबकुछ जानती है। राजद सुप्रीमो लालू यादव देश के सबसे बड़े ओबीसी के चेहरे हैं। लालू यादव ने देश की राजनीति को नया आयाम दिया है। गरीबों को उनका हक दिलाया है। इसलिए आजकल कुछ राजनीतिक दल को बिना मन से ही फैसला लेना पड़ रहा है। लालू यादव में हमारे दल के नेताओं का विश्वास है।
वहीं बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के वरीय नेता जमा खान ने भी भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 के चुनाव में जाति-धर्म का कोई भी कार्ड बिहार में नहीं चलने वाला है। भाजपा जितना भी कलाकारी कर लें, जनता सब जानती है। बिहार की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहती है। मोहन यादव से पहले नित्यानंद राय का प्रयोग बिहार में हुआ था, उससे क्या हो गया? मंत्री जमा खान ने दावा किया कि जाति कार्ड पर भाजपा को 10 वोट भी नहीं मिलेगा। महागठबंधन के पास ज्यादा दमदार नेता है। इस बार हमारे नेता के हाथों दिल्ली में तिरंगा लहराया जाएगा। भाजपा के लोग नीतीश कुमार से डर गए हैं इसलिए जाति और धर्म का कार्ड खेल रहे हैं।

