न्यूज़ डेस्क
आगामी लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती के सामान है। 2014 के बाद 2019 तक के चुनाव में बीजेपी की रफ़्तार काफी तेज थी ,पीएम मोदी का इकबाल भी बना हुआ था और देश के भीतर कथित राष्ट्रवाद का इरादा भी बुलंद था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। बीजेपी का चरम भी कम हुआ है। पीएम मोदी का इकबाल भी पहले जैसा नहीं रहा और राष्ट्रवाद के नारे तले जो लोग बीजेपी को आगे बढ़ाते जा रहे थे उन्हें अभी अब झटका लगा है। कह सकते हैं कि देश के भीतर ऐसे लाखों लोग खड़े हैं जिनका बीजेपी के साथ मोह भंग हुआ है और अब वे असली विकास की गाथा पर बात करने लगे हैं। लेकिन यह सब तो हर चुनाव के वक्त होता है।
बीजेपी को तो चुनाव जितना है और किसी भी सूरत में जितना है। चुनाव जीतने की यह चुनौती पीएम मोदी के सामने भी है और शाह के सामने भी। बाकी के जो नेता बीजेपी में काम करते हैं वह केवल आदेश को फॉलो करते हैं। बीजेपी की सबसे बड़ी चिंता 160 उन सीटों की है जो उसके लिए काफी कमजोर है। बीजेपी इस बार उन सभी कमजोर सीटों को कैसे जीते इसको लेकर मंथन कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए कमजोर माने जाने वाली 160 लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों को लेकर बुधवार को ‘लोकसभा प्रवास योजना’ की समीक्षा बैठक की है। बैठक में लोकसभा की इन 160 सीटों के लिए बनाए गए ‘लोकसभा प्रवास योजना’ के प्रदेश संयोजक और सह संयोजकों सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय के केंद्रीय कार्यालय विस्तार में हुई इस मैराथन बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राष्ट्रीय सचिव हरीश द्विवेदी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा सहित ‘लोकसभा प्रवास योजना’ से जुड़े कई अन्य नेता मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नड्डा ने इन कमजोर 160 लोक सभा सीटों के लिए बनाए गए क्लस्टर प्रभारियों, प्रदेश संयोजकों और सह संयोजकों को अपने प्रयास में और तेजी लाते हुए लोकसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर तक लोगों से खासकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से मुलाकात कर मोदी सरकार की उपलब्धियों को उन लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। नड्डा ने इन 160 लोकसभा सीटों पर खासतौर पर मतदाताओं के हर वर्ग तक पहुंचकर उन्हें भाजपा से जोड़ने, क्षेत्र के प्रभावशाली और लोकप्रिय लोगों से मुलाकात कर उन्हें सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने को कहा है, ताकि विपक्ष का मजबूत गढ़ माने जाने वाली इन 160 लोकसभा सीटों में से भी ज्यादातर सीटों पर 2024 में भाजपा जीत हासिल करें और जो सीटें भाजपा पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती थी, उन सीटों पर इस बार जीत का अंतर बड़ा करे।
दरअसल, भाजपा ने उन खास लोकसभा सीटों की एक विशेष लिस्ट बनाई हुई है, जिन पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार मिली थी। इस लिस्ट में खासतौर से उन लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है, जिन सीटों पर भाजपा पिछले चुनाव में नंबर 2 पर रही थी या फिर बहुत ही कम अंतर से जीती थी। पहले इस लिस्ट में 144 सीटों को शामिल किया गया था। बाद में इन सीटों की संख्या को बढ़ाकर 160 कर दिया गया। इन सीटों को कलस्टरों में बांटकर इन पर केंद्रीय मंत्रियों एवं पार्टी के दिग्गज नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश स्तर पर पार्टी ने प्रदेश संयोजक और सह संयोजकों भी बनाए हैं। इसके साथ ही पार्टी स्वयंसेवक और पूर्णकालिक विस्तारक तैनात कर इन सभी 160 लोकसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर तक जाकर मतदाताओं से संपर्क करने की विशेष रणनीति पर काम कर रही है।

