अखिलेश अखिल
इस बात की संभावना ज्यादा बढ़ गई है कि अगले साल 14 मार्च से 24 जनवरी के बीच में अयोध्या में प्रभु राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस बावत प्रधानमंत्री मोदी को भी पहले से ही आमंत्रण पात्र भेज दिया गया है। हालांकि अभी पीएमओ की तरफ से टैकः को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है लेकिन मंदिर और ट्रस्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि जनवरी के उपरोक्त तारीख के बीच मंदिर सबके लिए खोल दिए जायेंगे। बीजेपी के लिए यह बड़ी बात है। देश के आम रामभक्तों के लिए सबसे ख़ुशी की बात तो यह होगी कि चलो भगवान् बाद उनके निवास स्थान तो मिल गए ,मंदिर का निर्माण हो गया और और अयोध्या का भी काय कल्प हो गया। अयोध्या धर्म नगरी फिर से बन गई। बता दें कि मौजूदा योगी सरकार अयोध्या को बड़े पैमाने पर आधुनिक तरह से तैयार तो कर ही रही है वहां विश्व स्तर की सुविधा भी मुहैया करा रही है ताकि अयोध्या में आने वाले राम भक्तो को कोई दिक्कत नहीं हो। उसे लगे कि राम के दरबार में भला किस चीज की कमी है ?
लेकिन यह सब तो आम लोगों की बात है। बीजेपी के लिए अयोध्या में मंदिर का निर्माण राजनीति से जुड़ा रहा है। यही अयोध्या आंदोलन बीजेपी को ऊंचाई तक पहुंचा दिया। बीजेपी को अब भी लग रहा है कि चाहे उसके खिलाफ विपक्षी पार्टियां जितना भी खेल क्यों न करे आज अयोध्या में मंदिर के पट सबके लिए खुलेंगे और प्रभु राम का उद्घोष होगा तो देश का राजनीतिक मिजाज भी बदल जायेगा। बता दें कि बीजेपी और संघ से जुड़े करीब हजारों लोग कोई साल भर पहले से ही अयोध्या को घर -घर तक पहुंचाने के अभियान की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी को लग रहा है कि जिस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो जायेगी उसके ठीक दो दिन बाद से अयोध्या के लिए बीजेपी का भियाँ चलेगा। पुरे देश के लोगों को अयोध्या से जोड़ा जायेगा। सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी .हर घर प्रसाद भेजा जाएगा और कहा जा सकता है कि प्रभु राम का प्रसाद खाओ और बीजेपी को वोट दो। भला कौन रोक पायेगा ?
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। राममंदिर का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। वहीं, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के दर्शन का अभियान चलाने की योजना बना रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के सभी राज्यों के रामभक्तों को अलग-अलग तिथियों पर अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा। यहां आने पर उन्हें रामलला का दर्शन कराने के साथ प्रसाद भी भेंट किया जाएगा। यह अभियान मकर संक्रांति के बाद शुरू होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संयुक्त रूप से देशभर में रामलला दर्शन अभियान चलाए जाने की योजना तैयार कर रहे हैं। सभी 27 राज्यों को 40 इकाइयों में बांट कर अलग-अलग तिथियों पर राम भक्तों को रामलला का दर्शन कराया जाएगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर तमाम सुझाव आ रहे हैं, उन पर विचार भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर के राम भक्तों से आग्रह किया जाएगा कि वह एक ही दिन अयोध्या ना पहुंचे। उनके लिए अलग-अलग तिथियां भी निर्धारित की जाएंगी। निर्देश दिया जाएगा कि संबंधित राज्य अपने निर्धारित तिथि पर ही अयोध्या आएं।
राममंदिर का भूतल बनकर तैयार हो चुका है। अब केवल दरवाजे, खिड़की व फर्श का काम बाकी है। ट्रस्ट की रामसेवकपुरम व रामघाट स्थित कार्यशाला में मंदिर के दरवाजों व खिड़कियों की नक्काशी की जा रही है। दरवाजों पर गदा, चक्र, शंकर, गणेश, हाथी सहित अन्य धार्मिक चित्रों को उकेरा जा रहा है। महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ी से मंदिर के दरवाजों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।