भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस यानी एनडीए का संख्या बल राज्यसभा में कम हो गया है। इसकी वजह शनिवार को चार मनोनीत सदस्यों का रिटायर होना रहा।फिलहाल एक तरफ जहां बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 86 हो गई है,वहीं एनडीए 101 पर आ गई है।
शनिवार को रिटायर होने वाले सांसदों में राकेश सिंह राम सकल सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी का नाम शामिल है गलत लगे सभी मनोनीत सांसद भाजपा के पक्ष में रहे थे । इस समय राज्यसभा में 226 सांसद हैं और 19 पद खाली है।
राज्यसभा सांसदों की मौजूदा स्थिति देखने के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी के लिए इस स्थिति में राज्यसभा से अपने विधायकों को पास करना संभव हो पाएगा। अंक गणितीय दृष्टिकोण से देखें तो 226 की वर्तमान सदस्य वाले राज्यसभा में विधेयकों को पास करने के लिए जादुई आंकड़ा 114 का बनता है ।इस दृष्टिकोण से बीजेपी और एनडीए के लिए राज्यसभा से अपने विधायकों को पास करना संभव नहीं दिखता है। लेकिन राज्यसभा की केमिस्ट्री पर नजर डाला जाए तो बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन विधेयकों को पास कराने के लिए अपेक्षित 13 सांसदों की न्यूनता के बावजूद आगामी बजट सत्र में भी यहां से कई विधेयक पास करा सकती है। दरअसल इस समय राज्यसभा के वर्तमान सांसदों में 7 गुटनिरपेक्ष मनोनीत सांसद, 2 निर्दलीय और एआईएडीएमके तथा वाईएसआरसीपी जैसे कई करीबी दलों का समर्थन बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को प्राप्त है। इनके सहयोग से राज्यसभा में किसी विधायक को पास करने के लिए 114 सांसदों में से 13 सांसदों की कमी आसानी से पूरी हो जाएगी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए के लिए राज्य सभा में भी कोई भी विधेयक पास करना कठिन नहीं होगा।
राज्यसभा में संप्रति 19 पद खाली है इसमें चार मनोनीत और चार जम्मू कश्मीर से हैं जहां अभी राष्ट्रपति शासन है। ऐसे में विधानसभा सदस्यों के द्वारा निर्वाचित होने वाले 11 सदस्य बच जाते हैं। इन निर्वाचित होने वाले सदस्यों में से असम बिहार और महाराष्ट्र से 2- 2, तथा हरियाणा तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1- 1 सदस्यों को चुना जाना है। इन्हें 11 सीटों में से 10 सिम पिछले महीने ही खाली हुई है क्योंकि कई सांसद लोकसभा में निर्वाचित हो चुके हैं।
राज्यसभा में रिक्त हुए सीटों को विभिन्न राजनीतिक दलों की जीत के नजरिए से देखें तो इन 11 रिक्त सीटों में से 8 सीटें संभावित रूप से एनडीए को मिल सकती है। जबकि तीन सीटें विपक्षी इंडिया गठबंधन की खाते में जा सकती है।