बीरेंद्र कुमार झा
झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है।प्रदेश प्रवक्ता कुणाल साडंगी ने कहा कि योगेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी से राज्य सरकार के सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगे। योगेंद्र तिवारी भी प्रेम प्रकाश सहित अन्य सत्ता के दलालों की तरह ही भ्रष्टाचार का सरगना है।जिससे ईडी की पूछताछ में कई राज खुलेंगे। योगेंद्र तिवारी द्वारा कई मेल मैसेज डिलीट किया जाना भ्रष्टाचार के काफी गहरे होने का संकेत करता है।सवाल उठ रहे हैं कि आखिर साढे तीन वर्षों से राज्य सरकार ने योगेंद्र तिवारी पर मुकदमा दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की ?
जेएमएम की बढ़ी बौखलाहट
बीजेपी प्रवेश प्रवक्ता कुणाल साडंगी ने कहा कि हेमंत सोरेन को योगेंद्र तिवारी का भूत कुछ दिन पहले से ही परेशान करने लगा था, जिसके कारण जेएमएम की बौखलाहट काफी बढ़ गई है l झारखंड का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ शराब घोटाला से भी बड़ा साबित होगा। उन्होंने कहा कि जेएमएम योगेंद्र तिवारी मामले में एसआईटी गठित करने से पहले एफआईआर दर्ज करने की मांग क्यों नहीं करता है।
बीजेपी प्रवेश प्रवक्ता प्रतुल सहदेव की जेएमएम को लेकर प्रतिक्रिया
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल साहदेव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जेएमएम की प्रेसवार्ता देखकर उस पुराने टेपरिकॉर्डर की याद आ गई ,जिसका कैसेट फंस जाता था और बार-बार एक ही आवाज निकलती थी।प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बीजेपी शुरू से करते आ रही है कि योगेंद्र तिवारी के मामले में एसआईटी का गठन किया जाए।इस पर भी जांच हो कि आखिर सत्ताधारी दल के किस बड़े नेता के आशीर्वाद से उन्हें पूरे प्रदेश में शराब के ठेका पर एकाधिकार मिल गया है ।लेकिन सरकार इस मुद्दे पर खामोश रही है ।पता नहीं कौन सी अदृश्य शक्ति योगेंद्र तिवारी को बचाने में लगी हुई थी ।उन्होंने कहा कि के बड़े नेताओं ने स्थिति पहले स्पष्ट कर दी है कि दशकों से उनके परिजनों का योगेंद्र तिवारी की कंपनी से कोई लेना-देना नहीं रहा है, लेकिन सवाल अभी भी वही है कि मौजूदा सिस्टम का कौन सा शक्तिशाली व्यक्ति सारे नियम कानून को ताके पर रखकर योगेंद्र तिवारी को बढ़ाने में लगा हुआ है।
शराब घोटाला मामले में बीजेपी पर क्या था जेएमएम का आरोप
जेएमएम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने ईडी पर सेलेक्टिव तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी योगेंद्र तिवारी के मामले में पक्षपाती रवैया अपनाते हुए भाजपा के बड़े नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है। सुप्रियो ने मांग की कि राज्य सरकार अविलंब एसआईटी का गठन करे और पूरे मामले की जांच कराए।