बीरेंद्र कुमार झा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा आदिवासी हूं, इसलिए टारगेट किया जाता हूं, कहकर आदिवासी विक्टिम कार्ड खेलने के प्रयास को बीजेपी अब पूरी तरह से विफल करने में जुट गई है। राज्य बीजेपी मुख्यालय में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने प्रेस वार्ता में हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा।मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश के अंदर बहुत से मुद्दों पर सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासियों की पहचान ही अलग करने पर जुटे हुए हैं। जो आदिवासी के संघर्ष करने की पहचान है, उससे अलग पहचान देने में मुख्यमंत्री जी लगे हुए हैं। सोरेन परिवार अपने अनुसार आदिवासियों को गढ़ रहे हैं ।यह लोग झारखंड आंदोलन के नाम पर झारखंड आंदोलन को भी बेचने का काम कर रहे हैं। आज के समय में तो झारखंड की स्मिता को भी इनके द्वारा बेचने का काम किया जा रहा है ।सवालिया लहजे में उन्होंने पूछा कि आज तक सोरेन परिवार ने आदिवासियों के लिए क्या किया ? उनके राज्य में तो आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है।
शहीदों के परिवार और आदुवाशु
शहीदों का परिवार और आदिवासी ,कोई नहीं सुरक्षित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिन शहीदों के नाम से राजनीति कर रहे हैं, जब सरकार में आते हैं तो उनके परिवार के सदस्य रामेश्वर मुर्मू की भी हत्या हो जाती है, साहिबगंज की महिला थानेदार रूप तिर्की की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो जाती है। रूबिका पहाड़िया को कई टुकड़ों में काट करके फेंक दिया जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बताएं कि आदिवासी समाज की पीड़ा को दूर करने के लिए उन्होंने क्या काम किया है? हर बात पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि वह आदिवासी मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उन्हें परेशान करने का काम किया जा रहा है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री ऐसे बोल रहे हैं तो राज्य की आदिवासी जनता का क्या हाल होगा ? दरअसल मुख्यमंत्री को अपनी चिंता है ।आदिवासी समाज के नाम पर वे राजनीति कर रहे हैं।मात्र आदिवासी कार्ड खेलकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
आदिवासियों की जमीन हड़पकर खेल रहे आदिवासी विक्टिम कार्ड
समीर उरांव ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न सिर्फ आदिवासियों की जमीन हथिया ली है,बल्कि जनता के लिए जिन सुविधाओं का लाभ मिलना था, उसमें भी मुख्यमंत्री ने अपने परिजनों को उसका लाभ पहुंचाया है। आज आदिवासियों की जमीन रांची में ही बड़ी बेरहमी से लूटी जा रही है। बिचौलियों के माध्यम से हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में यह काम किया जा रहा है। आज ईडी के सम्मन पर वह भागे फिर रहे हैं। कभी सुप्रीम कोर्ट तो कभी हाईकोर्ट जा रहे हैं।