न्यूज़ डेस्क
बिहार में बीजेपी अगले चुनाव की तैयारी में जुट गई है। बीजेपी दो मिशन पर काम कर रही है। पहला मिशन तो 2024 का है जिसमे बिहार के सभी सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति है। इसके साथ ही बीजेपी 2025 के विधान सभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी कर रही है। इसके लिए जिला स्तर पर जातीय नेताओं को खड़ा किया जा रहा है ताकि चुनाव के दौरान जातीय खेल के जरिये महागठबंधन को मात दी जा सके।
बीजेपी की यह तैयारी कितनी सफल होगी यह वक्त ही बताएगा लेकिन जिस अंदाज में प्रदेश बीजेपी अपने काम को अंजाम दे रही है उससे राजद और जदयू के कान खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरह बिहार की परिस्थितियां बनी हुई है, उसमे भाजपा के नेता ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ के मूलमंत्र को लेकर चुनावी तैयारी में जुट गए हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी अपने आक्रामक तेवर के साथ न केवल बयानों से विरोधियों को घेरने में जुटे हैं बल्कि महागठबंधन को परास्त करने के लिए नई टीम के जरिए नई बिसात बिछा रहे हैं। चौधरी ने बिहार बीजेपी के 45 संगठनात्मक जिलों में जिला प्रभारियों का नए सिरे से तैनाती की है। इन प्रभारी नियुक्ति में प्रदेश अध्यक्ष ने जहां जिलों के जातीय समीकरण का ख्याल रखा है, वहीं जमीनी स्तर पर भी पार्टी की हकीकत के जानकार को स्थान दिया गया है। सूची में अनुभवी और युवा का सामंजस्य बैठाने की कोशिश की है।
जदयू के अलग होने के बाद से ही भाजपा ने बिहार की सभी 40 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी थी। इस रणनीति के बाद यह साफ है कि कुछ सीटों पर भले ही सहयोगी चुनाव मैदान में होंगे, लेकिन जीत की रणनीति बीजेपी के हाथों में ही होगी।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने दो दिसंबर को लोकसभा क्षेत्र में जीत तय करने और उसकी किलेबंदी को लेकर नए सिरे से संसदीय क्षेत्र प्रभारियों की भी घोषणा की थी। इस सूची में पूर्व अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के प्रदेश समिति के कई पदाधिकारियों को रखा गया है।
कहा जा रहा है कि इस सूची को बनाने के पहले जहां सांसदों की राय ली गई थी, वहीं पार्टी के रणनीतिकारों द्वारा काफी मंथन भी किया गया था। इस परिवर्तन को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह कहा कि पार्टी चुनाव को लेकर हमेशा तैयार रहती है। बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और कार्यकर्ताओं के परिश्रम के बाद ही आज यह पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है।उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का कार्य बराबर चलता रहता है।