बीरेंद्र कुमार झा
एनसीपी नेता अजित पवार के सहयोगियों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद कई बार आपसी कलह की बातें सामने आई है ,हालांकि एनसीपी (अजीत गुट) और बीजेपी दोनों ही तरफ से इस पर विराम लगाने की कोशिश की जा रही है। एनसीपी सांसद और (अजीत गुट) के स्टेट प्रेसिडेंट सुनील तटकरे ने कहा कि गणेश उत्सव से पहले राज्य के मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है और इसमें एनसीपी विधायकों को जिला संरक्षक मंत्रियों का पोर्टफोलियो दिया जाएगा ।
क्या होते हैं जिला के संरक्षक मंत्री
दरअसल जिला के विकास का काम कलेक्टर का होता है ,लेकिन कभी-कभी एक पालक या संरक्षक मंत्री भी बनाया जाता है। इसका उद्देश्य जिला के विकास के लिए एक मंत्री को जिम्मेदारी देना है होता है ।जिला की समस्याओं में मंत्री मदद करते हैं। इसके अलावा वे संयुक्त बजट की निगरानी भी करते हैं।वे बजट की तिमाही समीक्षा भी करते हैं।
तनाव का कोई सवाल नहीं
बीजेपी के मंत्री चंद्रकांत पाटील और एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच तनाव की खबरें सामने आई थी।इस पर तटकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उसके दोनों उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और फड़नवीस इस मामले में कोई भी फैसला मिलाकर लेंगे हमारे बीच कलह का कोई सवाल नहीं है।
एनसीपी चाहती है, अजीत पवार बने मुख्यमंत्री
तटकरें ने यह भी कहा कि एनसीपी चाहती है कि अजीत पवार मुख्यमंत्री बने। यह हमारा सपना है, लेकिन हमें कोई जल्दीबाजी नहीं है।हम विधानसभा और लोकसभा में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।हमारे पास अपने नेता को 2004 में भी मुख्यमंत्री बनाने का मौका था, लेकिन मुझे नहीं पता ऐसा क्यों नहीं किया गया था।तटकरे ने कहा की उन्हें पूरा विश्वास है कि इस मामले में भी चुनाव आयोग वैसा ही फैसला करेगा, जैसा कि उसने शिवसेना के मामले में किया था।वह एनसीपी के असली गुट को पार्टी की मान्यता देगा। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्थान है और वह पार्टी के संविधान के मुताबिक ही फैसला करेगा। इसके अलावा संगठन की ताकत को भी ध्यान रखा जाएगा।