बिहार में हाल में हुए एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में नीतीश कुमार ने जेडीयू,आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन वाली सरकार को गिराकर कर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए खेमे में जाकर मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया।अब बिहार में बने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व वाली एनडीए की इस नई सरकार को 12 फरवरी को सदन में अपना विश्वास मत हासिल करना है। लेकिन इस फ्लोर टेस्ट से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही को अपने-अपने विधायकों पर विश्वास नहीं हो रहा है, उन्हें यह डर सता रहा है की फ्लोर टेस्ट के समय उनके विधायक दल बदल कर कोई बड़ा खेल नहीं कर दें। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दल अपने विधायकों को सुरक्षित स्थान पर भेज रहे हैं। एक तरफ जहां विधायकों के पाला बदलने के डर से कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है, तो वहीं सत्ताधारी दल जेडीयू ने अपने विधायकों को पटना बुलाया है और बीजेपी ने अपने विधायकों को आज बोधगया ले जाने का कार्यक्रम बनाया है।
कांग्रेस में टूट की आशंका
नीतीश कुमार सरकार द्वारा 12 फरवरी को बिहार विधान सभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर आरजेडी और कांग्रेस लगातार इस बात का दावा कर रही है कि नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएंगे। बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री में बनी एनडीए की इस नई सरकार गठन के बाद से ही विपक्षी राजनीतिक दल फ्लोर टेस्ट के दौरान बिहार की राजनीति में कोई बड़ा खेल होने की बात कर रहे हैं ।बात भले ही ये बड़े खेल होने की कर रहे है,लेकिन अंदर ही अंदर ये सब भी अपने विधायकों को लेकर डरे हुए हैं।कांग्रेस ने तो एनडीए सरकार की वापसी के बाद अपनी पार्टी में संभावित टूट की दर से अपने 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है, जो अब वहां से 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दिन ही पटना पहुंचेंगे।
जेडीयू ने भोज के बहाने से विधायकों को पटना बुलाया
नीतीश कुमार सरकार द्वारा 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करने के दौरान जेडीयू के विधायक विपक्षी राजनीतिक दल की कथित खेल में शामिल न हो जाएं,इस डर से जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को शनिवार तक पटना पहुंचने का निर्देश दे दिया है। इन सभी विधायकों को जेडीयू ने मंत्री श्रवण कुमार की आवास पर शनिवार को आयोजित भोज में आमंत्रित किया है। इसके साथ ही जेडीयू ने रविवार को मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर अपने विधान मंडल के नेताओं की बैठक बुलाई है। फ्लोर टेस्ट से पहले अगले दो दिनों तक जेडीयू के सभी विधायक नीतीश कुमार की नजरों के सामने रहेंगे।
बीजेपी ने प्रशिक्षण के नाम पर अपने विधायकों को बोधगया बुलाया
नीतीश कुमार को एनडीए खेमे में लाकर मुख्यमंत्री बनाने के बाद बीजेपी की बड़ी जिम्मेदारी नीतीश कुमार को 12 फरवरी को होने वाले बिहार विधान सभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध कराने की भी है। ऐसे में बीजेपी के लिए अपने विधायकों को एकजुट बनाए रखना बहुत जरूरी है।ऐसे में बीजेपी ने बोधगया में 10 और 11 फरवरी को एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है। इस प्रशिक्षण शिविर में बीजेपी के सभी 78 विधायकों,विधान पार्षदों और पार्टी के पदाधिकारियों को बोधगया पहुंचने का निर्देश दिया गया है। बीजेपी के सभी विधायक विधान सभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले पटना से दूर रहेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर के जरिए बीजेपी अपने विधायकों को विपक्ष द्वारा फ्लोर टेस्ट के दौरान कथित संभावित खेल के डर से बोधगया शिफ्ट कर रही है।आज बीजेपी के सभी विधायक बोधगया कूच कर जाएंगे और 12 फरवरी को बिहार विधान सभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट के दिन ही पटना पहुंचेंगे।