न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संघ सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने बुधवार को जयपुर में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गोमांस खाने वाले भी हिंदू धर्म में वापसी कर सकते हैं। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित आरएसएस कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान पर बोलते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि अगर किसी ने मजबूरी में गोमांस खा लिया है और वो दूसरे धर्म में चले गए हैं तो उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। आज भी उनकी घर वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे सब हिन्दू हैं। वो आज किस तरह से पूजा-पाठ करते हैं या उनके क्या अभिमत हैं, वो हमारे विचार नहीं है। जो स्वयं को हिंदू मानता है, वो भी हिंदू है।
#WATCH Jaipur: Those whose ancestors were Hindu are Hindus, those who consider themselves Hindu are Hindus & even those are Hindus to whom we say that they’re Hindus…We can’t shut doors for those who consumed beef out of compulsion: Dattatreya Hosabale, RSS Gen Secy (01.02) pic.twitter.com/LSIGgeZDvu
— ANI (@ANI) February 2, 2023
हम वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा पर काम करते हैं: दत्तात्रेय
उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिम में, उत्तर में, पूर्वांचल और मध्य भारत में 600 से अधिक जनजातियां हैं। वे सब लोग कहते हैं कि वो हम अलग हैं क्योंकि भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया। गोलवलकर जी ने उन्हें कहा था कि वे हिंदू हैं, उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हैं। हम वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा पर काम करते हैं।
संघ न तो वामपंथी और न ही दक्षिणपंथी: दत्तात्रेय
दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ना तो वामपंथी है और ना ही दक्षिणपंथी। संघ को राष्ट्रवादी है। इसलिए भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। हम सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरू बनेगा और दुनिया का नेतृत्व करेगा। दत्तात्रेय ने कहा कि आज एक लाख से ज्यादा सेवा कार्य संघ की ओर से किए जा रहे हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है, एक जीवन शैली है और संघ आज एक आन्दोलन बन गया है।
गोली से नहीं डरते संघ कार्यकता: दत्तात्रेय
दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ता गोली से नहीं डरते हैं। संघ कार्यकर्ताओं ने बार-बार साहस दिखाया है। केरल में संघ के 200 से ज्यादा स्वयंसेवकों की हत्या हुई। वामपंथी संघ कार्यकर्ताओं की हत्याएं करते हैं। पंजाब में 12 स्वयंसेवकों को मार दिया गया। अगले ही दिन सैकड़ों स्वयंसेवकों ने उसी जगह पर शाखा लगाई। संघ ने हर दर्द को ‘एन्जॉय द पेन’ की तरह सहा है।