बीरेंद्र कुमार झा
भारत बांग्लादेश सीमा पर तस्करी सहित अन्य अपराधों को रोकने के लिए एक नया तरीका अपनाया जा रहा है।सीमा सुरक्षा बल (BSF ) बीएसएफ के जवान सीमा पर मधुमक्खियां के छत्ते लग रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह इस तरह की पहली योजना है,जिसे नदिया जिला के सीमावर्ती इलाके में शुरू किया जाएगा। इस अनूठे प्रयोग की मदद से सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है।
सुरक्षा के साथ ही मधुमक्खी के छत्ते वाली बीएसएफ की यह योजना स्थानीय लोगों को इसके माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है की भारत और बांग्लादेश 4096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं,जिनमें से 2217 किलोमीटर लंबी सीमा केवल पश्चिम बंगाल से लगी हुई है।
आयुष मंत्रालय से मिली मदद
बीएसएफ की इस परियोजना के लिए ने आयुष मंत्रालय ने टेक्निकल और अन्य सपोर्ट प्रदान किया है।आयुष मंत्रालय ने बीएसएफ को मधुमक्खी के छत्ते और मिश्र धातु से बने स्मार्ट बाड़ पर लगाने के लिए विशेषज्ञता प्रदान की है। बीएसएफ की 32वीं बटालियन की कमांडर सुजीत कुमार ने बताया कि आयुष मंत्रालय से औषधीय पौधे उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिसमें फूल आते हैं। इन्हें मधुमक्खियां के छत्ते के पास लगाया जा सकता है ताकि मधुमक्खियां पुरजोर मात्रा में परागण कर सकें।
तस्करी का खतरा ज्यादा
अधिकारियों ने बताया कि मधुमक्खियां के छत्ते लगाने की परियोजना 2 नवंबर को शुरू हुई है।नदिया जिला के सीमावर्ती इलाके में मवेशी, सोना, चांदी और नशीले पदार्थों की तस्करी से अपराध का खतरा ज्यादा है। यहां पर पहले ऐसे कई मामले सामने आए हैं,जब तस्करों ने बाड़ काटने के प्रयास किए हैं। मधुमक्खी के छत्ते बाड़ काटने की कोशिश करने वाले तस्करों के लिए प्रतिरोधक का काम करेंगे।
बीएसएफ को मिले पौधे
बीएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक आयुष मंत्रालय ने बीएसएफ को तुलसी,एकांगी,सातमौली, अश्वगंधा और एलोवेरा जैसे औषधिय पौधे उपलब्ध कराए हैं। बल के जवान स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पौधों को लगा रहे हैं। बीएसएफ के इस पहल को लेकर ग्रामीणों से भी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है।