बीरेंद्र कुमार झा
ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर रही एएसआई शनिवार को कोर्ट पहुंची। सर्वे की रिपोर्ट सौंपने को लेकर एएसआई ने कोर्ट से 8 हफ्ते का और समय मांगा है,साथ ही तब तक सर्वे जारी रखने की भी बात कही है। एएसआई की अधिवक्ता की ओर से शनिवार को जिला जज डॉ अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है। कोर्ट रिक्त होने के चलते मामले की सुनवाई एडीजे प्रथम की अदालत में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया। इस दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि जिला जज जिस दिन बैठते हैं, उस दिन उनके समक्ष पत्रावली पेश की जाए। एएसआई के प्रार्थना पत्र पर 8 सितंबर को कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा। तब तक एएसआई की ओर से सर्वेक्षण जारी रहेगा।
एएसआई को आज सौंपनी थी सर्वे की रिपोर्ट
ज्ञानवापी केस में एएसआई को शनिवार को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी थी,लेकिन ऐसा हो नहीं सका। गौरतलब है कि कोर्ट ने 4 अगस्त को सर्वे का आदेश दिया था पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि सुनवाई के दौरान एएसआई की ओर से सर्वे का समय बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया जा सकता है और ऐसा ही हुआ भी।
कोर्ट ने दिया था एएसआई को सर्वे का आदेश
जिला जज की अदालत में चार हिंदू महिलाओं की अर्जी पर 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिषद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश एएसआई को दिया था।कोर्ट ने एएसआई से 4 अगस्त तक रिपोर्ट सपने को कहा था। एएसआई ने 24 जुलाई को 4:30 घंटे से अधिक समय तक सर्वेक्षण किया था। उसी दिन अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की अर्जेंट अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने कमेटी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना के लिए कहा। कमेटी ने 25 जुलाई को उच्च न्यायालय की शरण ली। हाई कोर्ट ने सुनवाई शुरू करते हुए सर्वेक्षण पर रोक लगा दी। 3 दिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 3 अगस्त को अपने अगले फैसले में सर्वे जारी रखने का आदेश दिया। अंजुमन समिति ने उच्चतम न्यायालय में फैसले को फिर चुनौती दी, लेकिन इस बार शीर्ष अदालत ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।