बीरेंद्र कुमार झा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा था कि न्यायपालिका में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हैं। गहलोत का कहना था कि मैंने सुना है कि कुछ वकील खुद ही फैसला लिखकर लाते हैं और वही फैसला सुना दिया जाता है।इस बयान को लेकर बड़ा बवाल खड़ा होता नजर आ रहा है।राजस्थान हाई कोर्ट वकील संघ और अधिवक्ता संघ ने शुक्रवार को जोधपुर में हाई कोर्ट की मुख्य पीठ पर एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है। यही नहीं एक वकील ने सीएम के खिलाफ जयपुर खंडपीठ में जनहित याचिका भी दाखिल कर दी है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने दी सफाई
इस बीच अशोक गहलोत ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कल मैंने ज्यूडिशरी के करप्शन को लेकर जो कहा था, वह मेरी निजी राय नहीं है। मैंने हमेशा ज्यूडिशरी का सम्मान किया है। खुद सुप्रीम कोर्ट के अनेक रिटायर्ड न्यायाधीशों एवं रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों ने समय-समय पर ज्यूडिशरी में भ्रष्टाचार के मसले पर टिप्पणियां की है और उसे पर चिंता जताई है।
गहलोत यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा की मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति हेतु हाईकोर्ट कोलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आए हैं, मैंने उन पर कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। मेरा स्पष्ट मानना है कि हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए,सबको ज्यूडिशरी पर विश्वास करना चाहिए।इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
वकील संघ आक्रोशित
वही वकील संघ k अध्यक्ष रवि भंसाली और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने संयुक्त बयान जारी कर मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है। दोनों अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री के बयान पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार प्रदर्शित करने वाला बताया है।भंसाली ने आरोप लगाया कि ऐसा मालूम पड़ता है कि मुख्यमंत्री ने सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ऐसे बयान दिए हैं।
हाईकोर्ट वकील संघ और अधिवक्ता संघ दोनों ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है। दोनों अध्यक्षों ने दो टूक कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा l।इतना ही नहीं वकील संघ ने मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेज कर गहलोत के बयान पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है