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शराबी और थुलथुल पेट वाले पुलिस को असम सरकार ने दी चेतावनी ,संभलो वरना नौकरी खत्म !

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अखिलेश अखिल 

असम की सरकार इन दिनों पुलिस की चुस्ती पर ज्यादा ध्यान दे रही है। पहले शराबी पुलिसकर्मी ही सरकार के रडार पर थे लेकिन अब मोटापे के शिकार थुलथुल पेट वाले भी सरकार के निशाने पर आ गए हैं। पिछले महीने ही असम की सरमा सरकार ने कहा था कि शराब पीने के आदी 300 से ज्यादा पुलिस की पहचान की गई है और इन्हे नौकरी से हटाया जा सकता है। सरकर की इस घोषण के बाद ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। लेकिन अब सरकर की नजर मोठे हो गए पुलिसकर्मियों पर जा टिकी है। सरकार को लग रहा है कि मोटे और  पेट बढ़ाये पुलिसकर्मी न तो दौड़ सकते हैं और न ही किसी अपराधी को पकड़ने में ही सक्षम हैं। ऐसे में इन्हे पालने से की मतलब ! सरकार ने सफ सफ कह दिया है कि अगर तीन महीने के भीतर मोटे हो चुके पुलिस अपने को ठीक नहीं किया बॉडी मास इंडेक्स के अनुरूप अपने को तैयार नहीं किया तो उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। उन्हें वीआरएस के जरिये रिटायर किया जा सकता है।          
  असम पुलिस मोटे पुलिसकर्मियों का आधिकारिक रिकॉर्ड रखेगी. इसके लिए उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) मापा जाएगा। बता दें कि बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के शरीर का वजन उसकी कद या लंबाई के अनुसार ठीक है या नहीं। एक तरह से इसे शरीर की लंबाई और वजन का अनुपात कहा जा सकता है। एक सामान्य शरीर की बीएमआई 22.1 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 
             अब असम सरकार के फैसले के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस और असम पुलिस सेवा अधिकारियों सहित पुलिस के तमाम कर्मचारियों के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को पेशेवर तरीके से दर्ज करने का फैसला किया है।  असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि, “हम 15 अगस्त तक असम के तमाम पुलिसकर्मियों को तीन महीने का समय देंगे। इसके बाद अगले पंद्रह दिनों में उनकी बीएमआई मापी जाएगी। जिनकी बीएमआई 30 से ज्यादा होगी उनको वजन कम करने के लिए और तीन महीने का समय दिया जाएगा। उसके बाद उनसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने को कहा जाएगा। “
          पुलिस महानिदेशक ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने 680 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की एक लिस्ट बनाई है, जो शराब पीने के आदी हैं या मोटे हैं।  इनमें से जो ड्यूटी करने के काबिल नहीं पाए जाएंगे, उनकी निगरानी के बाद उनको स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी।  इस सूची की पुष्टि के लिए बटालियन और जिला स्तर पर समितियां बनाई गई हैं जिनकी कमान क्रमशः डिप्टी कमांडेंट और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के जिम्मे होगी। 
            पुलिस के मुताबिक, ऐसे तीन सौ जवानों और शिनाख्त कर ली गई है जो शराब पीने के आदी हैं। इसके कारण उन पर ड्यूटी में लापरवाही के आरोप तो लगते ही रहे हैं, पुलिस की छवि पर भी बट्टा लगता रहा है।

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