सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को झटका दिया है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की याचिका खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार है।शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली सरकार की यह दलील खारिज कर दी कि उपराज्यपाल एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने के संबंध में मंत्री परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं।
जस्टिस पामिदीघंटम श्री नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि उपराज्यपाल एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं।उपराज्यपाल दिल्ली कैबिनेट की सलाह के बिना भी एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उपराज्यपाल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ नामित करने के संबंध में मंत्री परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं ,की बात कही गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर करीब 15 महीने तक फैसला सुरक्षित रखा।
पिछले साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार देने का मतलब होगा कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं।एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं। 9 दिसंबर2022 में ‘आप’ ने नगर निगम चुनाव में 134 वार्ड में जीत के साथ एमसीडी पर बीजेपी के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था।बीजेपी ने 104 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस नौ सीट के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।