बीरेंद्र कुमार झा
पटना शहर के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (IGIMS) संस्थान में इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है।अब यहां मशीन और सॉफ्टवेयर का उपयोग कर, डॉक्टर मरीजों का बेहतर इलाज करेंगे। बेहतर इलाज के लिए अब यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जाएगा। संस्थान प्रशासन ने इलाज की गुणवत्ता बढ़ाने के मद्देनजर यह फैसला किया है। इसके लिए IGIMS प्रशासन और विकास संगठन सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) पटना के बीच एक एमओयू साइन किया गया।ऐसे में अब दोनों संस्थान मिलकर कैंसर सहित कई घातक रोगों और औषधियों के विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करेंगे और मरीजों का इलाज करेंगे।इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत दोनों संस्थानों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है।
मरीज और संस्थान दोनों के लिए होगा उपयोगी
IGIMS के डिप्टी डायरेक्टर डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान के निदेशक डॉ विनय कुमार ,C-DAC पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा और C-DAC के महानिदेशक ई मंगेश के उपस्थिति में एमओयू पर साइन कर दिया गया।डॉक्टर मनीष ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल डाटाबेस तैयार करने,उपकरण के रखरखाव, स्टाफ की कमी दूर करने और प्रयोगशाला सुविधाओं को बढ़ाने तथा रोगों का शीघ्र पता लगाने और इसके निदान आदि में काफी मदद मिलेगी। यह मरीज और संस्थान दोनों के लिए काफी लाभप्रद साबित होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है
डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा तकनीकी सिस्टम होता है जिसमें सॉफ्टवेयर के जरिए कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने,समझने, काम करने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित की जाती है।यह आर्टिफिशियल तरीके से सोचने, समझने और सीखने की क्षमता रखना है।हालांकि लोग रोबोट को ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समझ लेते हैं, जबकि रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाला जाता है।