न्यूज़ डेस्क
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में हमारे शहीद हुए चार सेना के जवानो का बदला आज भारतीय सेना ने ले लिया। भारतीय सेना ने आतंक के उज्जैर खान को सदा के लिए सुला दिया। यह लश्करे तैयबा का आतंकी था और पिछले कई महीनो से अनंतनाग के जंगलों में ठिकाना बनाकर रह रहा था और सेना के साथ लगातार मुठभेड़ कर रहा था। तो आज लश्कर ए तैयबा कमांडर उजैर खान सहित दो आतंकी मारे गए हैं। भारतीय सेना दूसरे आतंकी का शव अभी अपने कब्जे में नहीं ले पाई लेकिन वह एक पहाड़ी पर दिखाई दे रहा है। सात दिन से चल रही यह मुठभेड़ इन आतंकियों के मारे जाने के साथ समाप्त हो गई है लेकिन भारतीय सैन्य बलों का तलाशी अभियान अभी भी जारी है। यहां अभी आतंकी ठिकाने या फिर उनसे जुड़े युद्धक सामग्री होने की संभावना है।
गौरतलब है कि एक बेहद ही पुख्ता खुफिया सूचना के आधार पर सेना की 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ टुकड़ी के साथ कोकेरनाग के गंडोल जंगलों में इन आतंकियों को घेरा गया था लेकिन आतंकी पहले से ही पोजीशन लेकर बैठे हुए थे। ऐसे में पहले दिन ही सेना के दो अधिकारियों और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी शहीदी हो गया।
कश्मीर पुलिस के एडीजी विजय कुमार ने बताया कि इस मुठभेड़ में तीन अधिकारी और एक जवान शहीद हो गए हैं। अनंतनाग के ईनामी आतंकी उजैर खान समेत दो आतंकी को मार गिराया गया है। गंडोल के जंगलों में चल रही यह मुठभेड़ अब खत्म हो गई है लेकिन तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
बता दें कि कोकेरनाग में जहां मुठभेड़ हो रही थी वह कश्मीर के उन जंगलों में आता है जहां कभी सूर्य की रोशनी भी नहीं पहुंचती है। किश्तवाड़ से मुजफ्फराबाद तक 170 किलोमीटर में फैला पीरपंजाल का जंगल आतंकियों के लिए हमेशा से ही छिपने का बड़ा ठिकाना रहे हैं। यहां पहाड़ 75 से 80 डिग्री तक सीधे हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए बहुत ही कठिन स्थिति पैदा करते हैं। आतंकी इसी ऊंचाई से घात लगाकर हमला करते हैं।
कोकेरनाग मुठभेड़ में हुई मुठभेड़ में पहले ही दिन भारतीय सेना ने दो अधिकारी और जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपना एक अधिकारी खो दिया। इस आतंकी मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल के सीओ कर्नल मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर आशीष धनोच और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमांयू भट शहीद हो गए। कर्नल मनप्रीत सिंह 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को कमांड कर रहे थे। यह वही यूनिट है जिसने 2016 में आतंकी बुरहान वानी को मार गिराया था। कोकेरनाग मुठभेड़ में इसी यूनिट का सिपाही प्रदीप भी शहीद हो गया है। भारतीय सेना ने प्रदीप का शव बरामद कर लिया है। प्रदीप आपरेशन के दिन से ही गायब था।
आतंकी बुरहान वानी की तरह की आतंकी उजैर खान ए प्लस कैटेगरी का आतंकी थी। उसे भी कोकेरनाग में मारा गया था और इसे भी कोकेरनाग में ही मारा गया था। उजैर खान कोकेरनाग के नागम गांव का रहने वाला था। इसने 26 जुलाई 2022 में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का दामन थाम लिया था। इसके बाद यह लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर बन गया। इसने कई आतंकी हमले किए हैं। इसकी खतरनाक गतिविधि के कारण इसके सिर पर दस लाख का ईनाम था।


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