अखिलेश अखिल
अपने विधायक बेटे चेतन आनंद की शादी के लिए पेरोल पर जेल से बाहर आये पूर्व सांसद आनंद मोहन आजकल सुर्ख़ियों में हैं। कल सोमवार शाम को बिहार सरकार ने उनकी रिहाई के आदेश दिए हैं। इससे पहले उन्हें जेल से निकलने के लिए जेल कानून में कई तरह के बदलाव किये गए थे। अब इस बात की सम्भावना है कि पेरोल ख़त्म होने के बाद आनंद मोहन कुछ समय के लिए जेल जायेंगे और क़ानूनी खानापूर्ति करने बाद जल्द ही रिहा हो जायेंगे। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है।
बीजेपी ने इसके लिए राजद और नीतीश सर्कार को घेरा है वही बसपा सुप्रीमो ने भी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल दागा है। मायावती ने कहा है कि आनंद मोहन ने एक गरीब घर के दलित बेटे जी कृष्णैया की हत्या की थी और फिर वे आजीवन कारावास की सजा पाए थे। लेकिन नीतीश कुमार ने जेल कानून में बदलाव कर अपनी राजनीतिक लाभ के कारण आनंद मोहन को रिहा किया है। इससे नीतीश कुमार की साख भी गिरी है दलितों के प्रति उनका क्या प्रेम है यह भी दिखा है। आज देश के दलित नीतीश के इस फैसले से काफी क्रोधित हैं।
उधर आनंद मोहन से जब पत्रकारों ने जब इस बावत सवाल किया तो वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि वह किसी मायावती को नहीं जानते। सत्यनारायण भगवान् की पूजा में एक कलावती की चर्चा होती है लेकिन हम मायावती को नहीं जानते। उन्होंने क्या कहा है इसकी जानकारी हमें नहीं है और हमें यह सब जानने का वक्त भी नहीं है। अभी हम पेरोल पर बाहर हैं। यहाँ से फिर जेल जायेंगे और फिर बाहर निकालेंगे।
आनंद मोहन बीजेपी पर भी भड़के। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले कहते हैं कि नीतीश कुमार की वजह से मुझे जेल से बाहर निकाला गया। लेकिन गुजरात में भी क्या नीतीश कुमार यादव के फरमान से ही जेल में बंद लोगों को छोड़ा गया ? बिलकिस बानो के दोषियों को माला पहनकर क्या नीतीश कुमार के आदेश से छोड़ा गया था ?
बता दें कि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद विधायक हैं और उनकी पत्नी लवली आनंद भी राजद में हैं। आनंद मोहन से पूछा गया कि आपकी राजनीति लालू के खिलाफ में हुई थी और अब आप करेंगे ? क्या राजद में जायेंगे ? आनंद मोहन भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप चैनल वाले को जब मौका मिलता है तो पाला बदलकर दूसरे चैनल में जाते हैं तो हम भी कही और जा सकते हैं। क्या परेशानी है ?क्या नेता पार्टी नहीं बदल सकते सकते?