विकास कुमार
बिहार के मुजफ्फरपुर की जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लालू नीतीश के जाति गणना की काट करने की भरपूर कोशिश की। अमित शाह ने रैली में खुलकर पिछड़ा और अति पिछड़ा कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि लालू के प्रेशर में नीतीश ने यादव और मुस्लिम आबादी को बढ़ा कर दिखाया है। वहीं अति पिछड़ी जातियों की आबादी को जानबूझकर घटा दिया गया है। साफ है कि अमित शाह ने यादव मुस्लिम के सामने पिछड़ा और अति पिछड़ा वोटरों को खड़ा करने की कोशिश की है।
वहीं अमित शाह ने पहली बार सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार को पलटूराम कह कर संबोधित किया है। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि अब नीतीश के साथ बीजेपी का गठबंधन नहीं होगा।
वहीं अमित शाह ने अपने भाषण में नीतीश कुमार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री तो छोड़िए इंडी एलायंस ने संयोजक तक नहीं बनाया है। नीतीश कुमार अब लालू जी से छुटकारा पाना चाहते हैं,लेकिन अब नीतीश के पास कोई रास्ता नहीं बचा है।
बिहार की कई जातियों की ये शिकायत है कि उनकी आबादी को कम करके दिखाया गया है। वहीं पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों की आबादी तो ज्यादा है,लेकिन सत्ता पर यादव और कुर्मी जाति काबिज है। इसलिए अमित शाह पिछड़ी और अति पिछड़ी आबादी को उनका हक दिलाने के नाम पर बीजेपी के पाले में लाना चाहते हैं। अगर अमित शाह अपने इस मकसद में सफल हुए तो बिहार की राजनीति की दशा दिशा बदल जाएगी।