न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर केंद्र के दिशा निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय करने और दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी करने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र के बदलापुर सहित कुछ स्कूलों में बच्चों के साथ हाल ही में हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के मद्देनजर एक गैर सरकारी संगठन ने आवेदन दायर कर देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर केंद्र के दिशा निर्देशों को लागू करने की मांग की थाी।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिहं की पीठ ने कहा कि केंद्र ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर दिशा निर्देश अधिसूचित किए हुए हैं। पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इसकी प्रतियां मुख्य सचिवों या समकक्ष अधिकारियों को भेजे। गैर सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की और से वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फल्का ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि केवल पांच राज्यों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए केंद्र के दिशा निर्देश को लागू किया है।
बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से कहा गया है कि बच्चों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है। उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के परामर्श से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की और से तैयार दिशा निर्देशों को अधिसूचित करने में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की विफलता के कारण यौन शोषण और हमलों का शिकार होना पड़ रहा है।
याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के बदलापुर में हाल ही में हुई दुखद घटना आंखे खोलने वाली हैं,जिसमें दो स्कूली छात्राओं के साथ एक स्टाफ सदस्य ने दुष्कर्म किया। जो दर्शाती है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों के जीवन की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है।