न्यूज़ डेस्क
भारत के लिए बड़ी खबर है कि क़तर में भारतीय सेना के आठ पूर्व सभी सैनिक मौत की सजा से रिहा कर दिए गए हैं। कटर में इन्हे मौत की सजा वहां की अदालत ने दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने इन भारतीय को बचाने के लिए पैरवी की थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी कर जानकारी दी है। इसमें से सात पूर्व कर्मचारी कतर से भारत लौट आए हैं। गौरतलब है कि दिसंबर में कतर कोर्ट ने अल दाहरा ग्लोबल मामले में आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी। इसे घटाकर जेल की सजा में तब्दील कर दिया गया था।
इन आठ भारतीयों में कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ताकैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश का नाम शामिल है। इससे पहले भारत सरकार की तरफ से मौत की सजा के खिलाफ दाखिल की गई अपील को कतर की कोर्ट ने माना था।
इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर विदेश मंत्रालय तक सक्रिय हो गया। इसके बाद दुबई में आयोजित हुए सीओपी 28 शिखर सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। इस मुलाकात में इस मसले को लेकर भी चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की बेहतरी पर भी चर्चा की। इसके बाद रास्ता साफ हो गया। 60 दिनों की अपील का एक रास्ता मिला। कानूनी रूप से अपील की गई और अब भारतीय पूर्व नौ सैनिक रिहा होकर घर आ चुके हैं।
कतर में इन सैनिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। इन सभी जासूसी करने का आरोप था। यह सभी दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम करते थे। इन पर लगे आरोपों को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया। पिछले साल 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नौ सैनिकों को मौत की सजा सुना दी गई। इसे भारत ने बेहद हैरान करने वाला फैसला बताते हुए सभी कानूनी पक्ष तलाशने का वादा किया।