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जिन विषयों की मान्यता नहीं आगरा यूनिवर्सिटी ने उसमें लिया एडमिशन और दे दी डिग्री, दर्ज हुआ एफआईआर

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बीरेंद्र कुमार झा

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलसचिव, रसायन विभाग खंदारी कैंपस के विभागाध्यक्ष और वित्त अधिकारी आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 1990 में रासायन विभाग में पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल केमिस्ट्री का पाठ्यक्रम पूर्ण कर चुकी छात्रा नीलम चौधरी ने थाना हरी पर्वत में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें यह आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बिना मान्यता के छात्रों का नामांकन किया और अंक तालिका तथा डिग्री प्रदान की। इस कोर्स में करीब 90 विद्यार्थियों का एडमिशन लिया गया था । छात्रा नीलम चौधरी ने इस कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए सूचना के अधिकार का सहारा लिया था। आरटीआई में यह खुलासा हुआ कि विश्वविद्यालय द्वारा जो कोर्स 1989 से 91 तक चलाया गया था, उसकी इसे मान्यता नहीं थी। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को अंकतालिका और डिग्रियां प्रदान कर दी।

उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने बताया पूरा सच

प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रा नीलम चौधरी ने 1990 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग से 1 वर्ष का पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल केमिस्ट्री का पाठ्यक्रम किया था। वहां इसे बताया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा कराया जा रहा यह डिप्लोमा पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त है ।छात्रा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत कोर्स के बारे में जानकारी मांगी गई तो उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी द्वारा जानकारी मिली कि जिन 90 छात्र-छात्राओं का कोर्स के लिए प्रवेश लिया गया था, उसको विश्वविद्यालय से मान्यता ही प्राप्त नहीं है।

17 फरवरी 2022 को एसएसपी को भेजी गई थी शिकायत

छात्रा द्वारा 17 फरवरी 2022 को आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और थाना हरी पर्वत को डाक द्वारा इस बात की शिकायत की गई थी न्यायालय ने 21 फरवरी 2022 को थाना हरी पर्वत से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था ना हरी पर्वत और सहायक पुलिस अधीक्षक हरी पर्वत द्वारा अंकतालिका व डिप्लोमा के पंजीकरण आदि के संबंध में तत्कालीन कुलसचिव डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मांगी गई लेकिन उनके द्वारा पुलिस को कोई भी जवाब नहीं दिया गया पुलिस ने न्यायालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी इस पर कोर्ट ने एफआइआर के आदेश जारी कर दिए 24 अप्रैल 2023 को दर्ज हो गया ।

 

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