नई दिल्ली: भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटिश प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के हितों और बहुसंख्यकवाद को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने दिया महबूबा मुफ्ती को जवाब
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से लेकर कांग्रेस नेताओं ने ऋषि सुनक के बहाने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि क्या भारत में यह संभव है? जवाब में पलटवार करते हुए एक तरफ जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उनसे यह पूछा कि क्या वो जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अल्पसंख्यक को स्वीकार करेंगी? वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सवाल उठाने वाले कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक की याद दिलाई।
Saw Mahbooba Mufti’s tweet commenting on the rights of minorities in India after the election of Rishi Sunak as PM of UK. @MehboobaMufti Ji! Will you accept a minority in Jammu and Kashmir as Chief Minister of the state? Please be frank enough to reply.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 25, 2022
महबूबा ने कहा था एनआरसी और सीएए में बंधे हैं हम
दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने भारतीय मूल के व्यक्ति के यूके में प्रधानमंत्री बनने पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा था कि यह याद रखने योग्य बात है कि एक तरफ जहां यूके ने एक अल्पसंख्यक को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया है, दूसरी तरफ हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं। प्रसाद ने महबूबा मुफ्ती से इस सवाल का स्पष्ट जवाब देने की भी मांग की।
Proud moment that UK will have its first Indian origin PM. While all of India rightly celebrates, it would serve us well to remember that while UK has accepted an ethnic minority member as its PM, we are still shackled by divisive & discriminatory laws like NRC & CAA.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 24, 2022
प्रसाद ने कांग्रेस पर भी किया तीखा प्रहार
कांग्रेस नेताओं के हमले पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सुनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए हैं। उन्हें देश के असाधारण राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और मनमोहन सिंह के 10 वर्ष के प्रधानमंत्री कार्यकाल की याद दिलाना चाहूंगा। वर्तमान में एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू हमारी राष्ट्रपति हैं।
Some leaders hv become hyper active against majoritarianism after election of Rishi Sunak as PM of UK. Gently reminding them about the extraordinary Presidency of APJ Abdul Kalam, Manmohan Singh as PM for 10years. A distinguished tribal leader Droupadi Murmu is now our President.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 25, 2022