Homeदेशआखिर राहुल को असम में शंकरदेव मंदिर जाने से क्यों रोका गया...

आखिर राहुल को असम में शंकरदेव मंदिर जाने से क्यों रोका गया ?

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न्यूज़ डेस्क 
कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी नेता राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बीच असम में बताद्रवा थान में सोमवार को संत श्री शंकरदेव के जन्मस्थान में दर्शन और पूजा करने से रोका गया जिसके बाद गांधी वहीं सड़क पर बैठ गये।
 गांधी को मंदिर प्रवेश की अनुमति नहीं देने की कड़ी निंदा की और कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा के आदेश पर उठाया गया है जबकि मंदिर प्रबंध समिति पहले ही दर्शन की अनुमति दे चुकी थी। पुलिस ने गांधी को मंदिर जाने से रोका तो कांग्रेस नेता वहीं सड़क पर बैठने को मजबूर हो गये। पार्टी ने कहा कि श्री गांधी ने अनुमति ली थी लेकिन कल देर रात मंदिर जाने के आदेश के रद्द किया गया।

इस बीच गांधी ने ट्वीट किया,“भारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया। मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया। अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे।”

पुलिस ने जब गांधी को मंदिर जाने से रोका तो उन्होंने पूछा,“क्या मामला है भाई। मैंने क्या गलती की है कि मुझे मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। हमें आमंत्रित किया गया था और आप हमसे कह रहे हैं कि हम मंदिर नहीं जा सकते। हम जबरदस्ती कुछ नहीं करने जा रहे हैं। हम उनसे पूछ रहे हैं कि कारण क्या है। हम किसी को परेशान नहीं करने जा रहे हैं। हमें वहां आमंत्रित किया गया है।”

कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने घटना की निंदा करते हुए कहा,“पूर्व अनुमति के बावजूद राहुल जी को बताद्रवा जाने से रोका गया। हम लोकतंत्र के एक नए चरण में प्रवेश कर चुके हैं जहां भाजपा तय करेगी कि किसे और किस समय मंदिर जाना चाहिए। तानाशाही शासन को एहसास होना चाहिए कि उसके दिन गिने-चुने हैं। देश की जनता इस तरह की मनमर्जी की अनुमति नहीं देगी।”

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि 11 जनवरी को स्थानीय कांग्रेस विधायक शिबामोनी बोरा और राणा गोस्वामी ने बताद्रवा थान सत्राधिकार को श्री गांधी के मंदिर आने की इच्छा से अवगत कराया और क्षेत्राधिकार ने इसका स्वागत और समर्थन किया है। बाद में स्थानीय सांसद गौरव गोगोई ने भी बताद्रवा थान सत्राधिकार को यही बात दोहराई और उनकी तरफ से स्वीकृति दी गई।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद 20 जनवरी शाम को मुख्यमंत्री ने अचानक घोषणा कर दी कि  गांधी 22 जनवरी को सुबह नहीं बल्कि तीन बजे के बाद बताद्रवा थान जा सकते हैं। उन्होंने कहा बटाद्रवा थान प्रबंधन समिति पर मुख्यमंत्री ने निर्णय बदलने का दबाव डाला।

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