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आखिर पीएम मोदी के कन्याकुमारी में ध्यान करने के खिलाफ कांग्रेस क्यों ?

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न्यूज़ डेस्क 
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान से पहले यानी कि 30 मई को कन्याकुमारी ध्यान करने जा रहे हैं, जहां वो विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान साधना करेंगे, जिसका अब तमिलनाडु कांग्रेस ने विरोध किया है।

तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष सेल्वापेरुन्थगई ने बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी स्थिति में जब चुनाव आचार संहिता लागू है, प्रधानमंत्री को इस तरह की गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

उन्होंने कहा, “मैं कहूंगा कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेकर पीएम मोदी के इस कदम का विरोध करना चाहिए और उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए। ऐसी स्थिति में जब चुनाव अभी तक संपन्न नहीं हुए हैं, देश के प्रधानमंत्री को इस तरह की गतिविधि से बचना चाहिए।”

तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, “हम चुनाव आयोग को पत्र भी लिखेंगे और अगर जरूरत पड़ी, तो सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री को हम ऐसी स्थिति में जब चुनाव आचार संहिता लागू है, हम उन्हें इस तरह की इजाजत नहीं दे सकते।

बता दें कि 30 मई से लेकर 1 जून तक प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जा रहे हैं, जहां वो ध्यान करेंगे, जिसे लेकर अब कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इसे लेकर आगे और सियासी बवाल हो सकता है।

हालांकि, यह कोई पहली दफा नहीं है कि जब प्रधानमंत्री चुनाव खत्म होने के बाद किसी धार्मिक स्थल के दौरे पर जा रहे हों। इससे पहले प्रधानमंत्री 2019 का लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद केदारनाथ गए थे, जहां उन्होंने ध्यान भी किया था, लेकिन तब किसी भी विपक्षी दल ने कोई सवाल नहीं उठाया था। मगर इस बार जब पीएम ने सातवें चरण के मतदान से पूर्व ही कन्याकुमारी जाने का ऐलान किया है, तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।

इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था, जिसे ध्यान में रखते हुए अब इस बार इस जगह का चयन प्रधानमंत्री ने किया है। इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भारत माता के दर्शन किए थे। बताया जाता है कि देशभर का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद इसी स्थान पर आए थे। 

 वहीं हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, यह वही स्थान है, जहां मां पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी। ऐसे में इस जगह का राजनीति के साथ-साथ अपना धार्मिक महत्व भी है। इस जगह पर हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर एक जगह मिलते हैं।

स्वामी विवेकानंद का पीएम मोदी के जीवन पर कितना गहरा असर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री कई दफा स्वामी विवेकानंद के भाषणों का उल्लेख कई मंचों पर कर चुके हैं।

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