न्यूज़ डेस्क
यह विडम्बना ही तो है। जिस देश की 80 करोड़ जनता आज भी पांच किलो अनाज पर कीने को विवश है उस देश के 99 फीसदी मंत्री करोड़पति है और 28 मंत्रियों पर आपरधिक मुक़दमे दर्ज है। खेल किसी प्रहसन से कम नहीं। बता दें कि नए मोदी मंत्रिमंडल में 72 मंत्री शामिल है जिनमे से 99 फीसदी मंत्री करोड़पति है और 28 मंत्री दागी भी हैं। जिस दाग के खिलाफ देश की सरकार हमेवशा अभियान चलने की बट करती है अब वही दागी जनता के लिए कानून बनायेगे और सरकार भी चलाएंगे।
9 जून को देश में नई सरकार का गठन हो गया। वाराणसी से सांसद चुने गए नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथग्रहण के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद सहयोगियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया। मंगलवार को मंत्रियों ने अपना कार्यभार भी संभाल लिया।
इस बीच, एडीआर ने नई मंत्रिपरिषद में को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, नए मंत्रियों में से 99 प्रतिशत करोड़पति हैं और इनकी औसत संपत्ति 107 करोड़ रुपये है। एडीआर ने रिपोर्ट में कहा कि नई मंत्रिपरिषद में 11, 12वीं पास हैं और 57 स्नातक या उससे ऊपर हैं। नई मंत्रिपरिषद में 66 प्रतिशत मंत्री 51-70 वर्ष की आयु के हैं। इसके अलावा नई सरकार के 28 मंत्रियों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
2014 में नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट में शामिल 46 में से 42 मंत्री करोड़पति थे। कैबिनेट की औसत संपत्ति 13 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। मोदी की पहली कैबिनेट में शामिल पांच मंत्रियों ने अपनी संपत्ति 30 करोड़ रुपये से भी ज्यादा घोषित की थी। उस कैबिनेट में अरुण जेटली सबसे अमीर मंत्री थे। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 113.02 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं, चार मंत्रियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से भी कम बताई थी। इन मंत्रियों में मनसुख भाई वसावा, थावरचंद गहलोत, सुदर्शन भगत और रामविलास पासवान शामिल थे। मनसुख वसावा सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री थे। उन्होंने कुल 65.71 लाख की संपत्ति घोषित की थी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने 2019 के लोकसभा और मौजूदा राज्यसभा के 58 मंत्रियों (प्रधानमंत्री सहित) में से 56 मंत्रियों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया था। रामविलास पासवान और डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर के विवरण का विश्लेषण नहीं किया गया था क्योंकि वे उस वक्त किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे।इन मंत्रियों में आठ ने अपने चुनावी हलफनामे में जानकारी दी थी कि वो 12वीं पास या उससे कम पढ़े हैं। वहीं, बाकी 38 ने स्नातक या इससे ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले थे।
मोदी मंत्रिमंडल में सबसे युवा महिला मंत्री रक्षा खडसे हैं। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं रक्षा दूसरी सबसे युवा मंत्री हैं। वह 37 साल की हैं। उनसे पहले के. राम मोहन नायडू (36 वर्षीय) सबसे युवा मंत्री हैं। खडसे मात्र 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनी थीं। वह राकांपा के नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। 2024 के आम चुनाव में उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के श्रीराम पाटिल को ढाई लाख से ज्यादा मतों से हराया।
5 हजार 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति वाले चंद्रशेखर पेम्मासानी मोदी 3.0’ में सबसे अमीर मंत्री हैं। पेम्मासानी ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल 424.75 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। जनता दल (सेक्युलर) से भारी उद्योग मंत्री और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी की कुल संपत्ति 217.23 करोड़ रुपये की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुल 144.12 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की कुल संपत्ति 121.54 करोड़ रुपये है। महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर से भाजपा के एक और मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 110.95 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। नए मंत्रियों में से करीब 99 फीसदी करोड़पति हैं। विश्लेषण किए गए 71 मंत्रियों में से 70 ने खुद को करोड़पति बताया है। रिपोर्ट बताती है कि मंत्रियों की औसत संपत्ति 107.94 करोड़ रुपये है।
तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। दो मंत्रियों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं। पांच मंत्रियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले हैं। इसके अतिरिक्त, एडीआर ने कहा है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले आठ मंत्री हैं।