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लंबे समय के बाद गौतम अडानी ने अमेरिकी शॉट सेलिंग फर्म हिंडेनबर्ग पर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि हमे बदनाम करने के लिए रिपोर्ट में गलत सिर बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे ।अडानी ने कहा कि रिपोर्ट में को बाते कही गई है वह सब 2004 से 2015 के बीच के थे ।उन सभी का निपटारा इस समय के अधिकारियों से मिलकर किया गया था । लेकिन रिपोर्ट में ऐसा कहा गया कि हैं देश को चुना लगा दिया है ।
अडानी ने कहा, ‘यह रिपोर्ट दुर्भावना से प्रेरित थी, जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पोर्ट-टू-पावर समूह के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया। यह समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास है।’
अरबपति अडानी ने शेयरधारकों से कहा, ‘विशेषज्ञ समिति की जांच में अडानी समूह की ओर से किसी भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट तक अडानी समूह की कथित अनियमितता का मामला पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी, जिसने जांच की थी।’
बता दें कि जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों को ओवरवैल्यूड बताया था। आरोप लगाए थे कि शेल कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप ने अकाउंट में हेरफेर किए हैं। इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर काफी नीचे आ गए थे। करीब 145 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी। गौतम अडानी ने 27 जनवरी को अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज का एफपीओ जारी किया था, फिर फुल सब्सक्राइब होने के बाद इसे अचानक वापस ले लिया। कंपनी ने सभी निवेशकों के पैसे वापस कर दिए थे।