बीरेंद्र कुमार झा
साइबर अपराध पर लगाम लगाने के मकसद से दूरसंचार विभाग (रांची और पटना) ने कड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर लिए गए मोबाइल सिम को बंद कर दिया है।अप्रैल और मई 2023 में ही अब तक झारखंड और बिहार के 2 .30 लाख से अधिक मोबाइल नंबर को बंद किया जा चुका है।फर्जी पहचान पत्र पर सिम कार्ड लेने की जानकारी मिलने के बाद विभाग ने सर्विस प्रोवाइडर मोबाइल कंपनियों को कार्रवाई के लिए भेजा था पत्र।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का हुआ इस्तेमाल
फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बड़े पैमाने पर सिम जारी कर लेने के मामले को देखते हुए सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फैसियल रिकॉग्निशन पावर सलूशन का उपयोग करके वक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि चेहरा एक है, लेकिन नाम अलग-अलग। फर्जी आईडी बनाकर एक ही व्यक्ति के द्वारा अलग-अलग नामों से कई सीन जारी करवा लिए गए 18 सिम कार्ड मिले हैं। यह सभी सिम कार्ड फर्जी पहचान प्रमाण पत्र के आधार पर लिए गए थे। इस व्यक्ति के पहचान इस व्यक्ति के पहचान प्रमाण पत्र में फोटो एक और नाम अलग-अलग था। झारखंड और बिहार की कुल सात करोड़ सिम ग्राहकों के चेहरे का डाटा का विश्लेषण किया गया, जबकि देशभर में 87 करोड़ से अधिक सिम वक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया गया।
काली सूची में डाले गए पॉइंट ऑफ सेल्स
फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे बड़े पैमाने पर सिम कार्ड जारी करा लिए जाने के मामले के पकड़ में आने के बाद दूरसंचार कंपनियों के निर्देश पर सर्विस प्रोवाइडर मोबाइल कंपनियों ने झारखंड- बिहार के कुल 2904 पॉइंट ऑफ सेल्स को काली सूची में डाल दिया है। ये प्राथमिक जांच में सिम जारी कार्ड जारी करते समय अनैतिक कार्यों में शामिल पाए गए हैं।सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने ऐसे ग्राहकों के साथ-साथ पॉइंट ऑफ सेल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।