कतर के जेलों में सजा काट रहे भारतीयों को रिहा कर दिया गया है और अब उनकी स्वदेश वापसी भी हो गई है। इन 7 पूर्व नौसैनिकों की वतन वापसी को भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। भारत भारत सरकार ने भी कतर के इस फैसले का स्वागत किया है। गौरतलब है कि इन सभी पूर्ण नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में पहले मौत की सजा सुनाई गई थी।भारत लौटे नौसेना के एक पूर्व कर्मी ने कहा कि हमने दोबारा भारत लौटने के लिए लगभग 18 महीना का इंतजार किया है। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। उनके निजी हस्तक्षेप और कतर के साथ रिश्तों के बग़ैर यह बिल्कुल नहीं हो सकता था।। हम सभी प्रयासों के लिए दिल से भारत सरकार का शुक्रिया करते हैं।उन प्रयासों के बगैर आज का यह दिन देखना मुमकिन नहीं था।
कतर से आइ खुशखबरी, मौत की सजा पाए भारतीय रिहा होकर लौटे घर
कतर सरकार द्वारा फांसी की सजा प्राप्त नौसैनिकों की रिहाई और उनके स्वदेश वापसी की खबर सुनकर उनके परिवार के लोगों में खुशियों का पारावार नहीं रहा। भारत लौटे एक पूर्व नौसैनिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बगैर हमारा यहां खड़ा होना संभव नहीं था। साथ ही यह लगातार भारत सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों की बदौलत हो पाया।
वही एक दूसरे पूर्व नौसैनिक ने कहा कि मैं सुरक्षित घर लौटकर बहुत राहत महसूस कर रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि हमारी सुरक्षित रिहाई के लिए अगर वह व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं करते, तो ऐसा नहीं हो पाता ।मैं कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं।
एक अन्य पूर्व नौसैनिक ने कहा कि हम और हमारे परिवार के सदस्य लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।यह सब पीएम मोदी और इस मामले में उनके दखल की वजह से हुआ।उन्होंने कतर सरकार के साथ शीर्ष स्तर पर इस मामले को उठाया और हमारी रिहाई सुनिश्चित की। उनका और कतर के आमिर का आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।
कतर के जेलों में सजा काट रहे थे 8 पूर्व नौसैनिक
कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल,कप्तान वीरेंद्र कुमार वर्मा, कप्तान सौरभ वशिष्ठ ,कमांडर अमित नागपाल,कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर राजेश का नाम शामिल है। इससे पहले भारत सरकार की तरफ से मौत की सजा के खिलाफ दाखिल की गई अपील को कतर की कोर्ट ने माना था।
क्या था इन पूर्व नौसैनिकों का मामला
अल दाहरा करने वाले इन पूर्व नौसैनिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर यह कार्रवाई जासूसी के आरोप में की गई थी। नौसेना के इन पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी गई थी। उस समय भारत ने इसे बेहद हैरान करने वाला फैसला करार दिया था। साथ ही भारत सरकार ने इस मामले में सभी कानूनी पक्ष तलाशने का वादा भी किया था।